भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत अगले साल नौसेना में शामिल किया जाएगा : राजनाथ

भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत अगले साल नौसेना में शामिल किया जाएगा : राजनाथ

भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत अगले साल नौसेना में शामिल किया जाएगा : राजनाथ
Modified Date: November 29, 2022 / 08:04 pm IST
Published Date: June 25, 2021 8:17 am IST

कोच्चि, 25 जून (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत (आईएसी) को अगले साल नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा और इसकी लड़ाकू क्षमताएं, पहुंच तथा अन्य खूबियां देश के रक्षा तंत्र को और मजबूती प्रदान करेंगी।

कोचीन बंदरगाह के एर्नाकुलम घाट पर आईएसी के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा करने के बाद एक बयान में राजनाथ ने इसे भारत का गौरव और आत्मनिर्भर भारत का एक बेहतरीन उदाहरण करार दिया।

सिंह ने बयान में कहा, ‘‘ परियोजना को मूल रूप से राजग सरकार ने मंजूरी दी थी और कोविड-19 के बावजूद इसके कार्य में काफी प्रगति हुई है। आईएसी को अगले साल बेड़े में शामिल करना, भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर एक बड़ा तोहफा होगा।’’

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रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ इसकी लड़ाकू क्षमताएं, पहुंच तथा अन्य खूबियां देश के रक्षा तंत्र को और मजबूती प्रदान करेंगी तथा समुद्री क्षेत्र में भारत के हितों को सुरक्षित करने में मदद करेंगी।’’

उन्होंने कहा कि स्वदेशी विमानवाहक पोत के अभी तक के निर्माण कार्य की खुद आकर समीक्षा करना खुशी का पल है। सिंह ने कारवार में ‘प्रोजेक्ट सीबर्ड’ की समीक्षा की, जो कि भविष्य में भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डा होगा और हिंद महासागर क्षेत्र तथा उसके बाहर नौसेना के संचालन में सहयोग देने के लिए सुविधाएं और बुनियादी ढांचा प्रदान करेगा ।

सिंह ने कहा कि सरकार नौसेना को मजबूत करने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और ये दो परियोजनाएं इसका बड़ा उदाहरण हैं।

उन्होंने कहा कि आईएसी के डिजाइन से लेकर निर्माण में इस्तेमाल होने वाले स्टील, प्रमुख हथियार और सेंसर तक, इसमें इस्तेमाल की गई लगभग 75 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी है।

मंत्री ने कहा कि रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने हाल ही में रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत परियोजना 75(I) के आरएफपी को मंजूरी दी है, जो विशिष्ट विनिर्माण प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास को और बढ़ावा देगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ ये कदम भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए भारतीय नौसेना की परिचालन पहुंच और कौशल को बढ़ाने में मदद करेंगे।’’

सिंह ने कहा कि भारतीय नौसेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘गलवान गतिरोध के दौरान नौसेना की सक्रिय अग्रिम तैनाती ने हमारे इरादे का संकेत दिया कि हम शांति चाहते हैं लेकिन साथ ही किसी भी घटना से निपटने लिए तैयार हैं।’’

उन्होंने कहा कि नौसेना ने कोविड-19 से निपटने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। चक्रवात ‘ताउते’ के दौरान भी नौसेना ने राहत एवं बचाव कार्यों में भी काफी मदद की।

भाषा निहारिका मनीषा शोभना

शोभना


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