भारत की सुरक्षा चुनौतियां बदलती रहेंगी : अमित शाह

भारत की सुरक्षा चुनौतियां बदलती रहेंगी : अमित शाह

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  • Publish Date - July 27, 2025 / 12:54 AM IST,
    Updated On - July 27, 2025 / 12:54 AM IST

नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भारत के भौगोलिक और राजनीतिक पड़ोस को देखते हुए देश की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियां लगातार बदलती रहेंगी।

आठवें राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन (एनएसएससी) में समापन भाषण में शाह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए न केवल आतंकवाद के प्रति कत्तई बर्दाश्त नहीं की नीति को फिर से मजबूत किया है, बल्कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से इसे दुनिया के सामने उल्लेखनीय तरीके से प्रस्तुत भी किया है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों के भारत के भू-राजनीतिक पड़ोस को देखते हुए गतिशील बने रहने का अवलोकन करते हुए शाह ने राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से ‘सुरक्षा, सजगता और समन्वय’ (सुरक्षा, सतर्कता और तालमेल) के आदर्श वाक्य को अपनाने का आग्रह किया।

शाह ने कहा, ‘भारत सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इसके साथ ही देश के सामने चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। हमें अधिक सतर्क रहना होगा और समस्याओं से पूरी जागरूकता के साथ निपटना होगा।’

उन्होंने एनएसएससी को वरिष्ठ अधिकारियों को युवा अधिकारियों का मार्गदर्शन करने, उन्हें चुनौतियों से परिचित कराने तथा समाधान खोजने का मार्ग दिखाने में सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण बताया।

गृह मंत्री ने कहा कि सभी राज्यों के बलों और केंद्रीय जांच एजेंसियों को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए वास्तविक समय पर जानकारी साझा करने के वास्ते एक विश्वसनीय पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए।

शाह ने यह भी कहा कि सभी एजेंसियों को “सुरक्षा पहले” के सिद्धांत पर काम करना चाहिए और सजगता व आपसी तालमेल को अपनी आदत में शामिल करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दृढ़ संकल्प और साथी नागरिकों के समर्थन से दुनिया भर में आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता का एक मजबूत संदेश गया है।

गृह मंत्री ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर पहुंच गई है और भारत अब नई और उभरती प्रौद्योगिकियों, स्टार्टअप, हरित ऊर्जा और नवाचारों में विश्व में अग्रणी है।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत का बढ़ता कद आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों को जन्म देगा।

भाषा योगेश रंजन

रंजन