उद्योगपति एसपी ओसवाल ‘डिजिटल अरेस्ट’ मामला: ईडी ने पांच राज्यों के 11 ठिकानों की ली तलाशी

उद्योगपति एसपी ओसवाल ‘डिजिटल अरेस्ट’ मामला: ईडी ने पांच राज्यों के 11 ठिकानों की ली तलाशी

उद्योगपति एसपी ओसवाल ‘डिजिटल अरेस्ट’ मामला: ईडी ने पांच राज्यों के 11 ठिकानों की ली तलाशी
Modified Date: December 25, 2025 / 04:42 pm IST
Published Date: December 25, 2025 4:42 pm IST

नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय ने लुधियाना के उद्योगपति एसपी ओसवाल को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर सात करोड़ रुपये की ठगी करने से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के तहत पांच राज्यों में 11 स्थानों पर तलाशी ली। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

ईडी के प्रवक्ता ने एक बयान में बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और असम में 11 स्थानों पर सोमवार को तलाशी ली गई।

बयान के मुताबिक, ‘‘तलाशी के दौरान अपराध में संलिप्तता के संकेत करने वाले दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए।’’

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ईडी ने मंगलवार को रूमी कालिता को असम से गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने यह कार्रवाई तब की जब उसके संज्ञान में आया कि कालिता ने कथित तौर पर इस मामले में धन हस्तांतरण के लिए अपने खाते के इस्तेमाल की पेशकश की थी।

प्रवक्ता ने बयान में कहा, ‘‘पीड़ितों से ठगी गई रकम को व्यक्तियों के एक समूह द्वारा तुरंत विभिन्न खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था और उन खातों का संचालन रूमी कालिता द्वारा ठगी गई रकम के एक निश्चित प्रतिशत के बदले में किया जा रहा था।’’

इसमें कहा गया है कि तलाशी के दौरान मिले सबूतों से संकेत मिला है कि वह कथित तौर पर अपराध से हुई आय को ठिकाने लगाने और उसे अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल करने में संलिप्त थी।

अदालत ने कालिता को दो जनवरी, 2026 तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है।

संघीय एजेंसी ने साइबर अपराध/डिजिटल अरेस्ट से संबंधित इन अपराधियों के समूह के खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज 10 प्राथमिकियों के आधार पर धनशोधन के कोण से जांच शुरू की।

ईडी के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘एजेंसी की जांच में खुलासा हुआ कि एस पी ओसवाल की डिजिटल गिरफ्तारी के दौरान, केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारियों का रूप धारण करने वाले ठगों ने जाली आधिकारिक और न्यायिक दस्तावेजों का उपयोग करके उन्हें विभिन्न खातों में सात करोड़ रुपये स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया, जिनमें से 5.24 करोड़ रुपये खातों से बरामद कर वापस स्थानांतरित कर दिए गए।’’

उन्होंने बताया कि शेष धनराशि विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तियों, श्रमिकों और डिलीवरी ब्वॉय के नाम पर खोले बनाए गए विभिन्न फर्जी खातों में स्थानांतरित कर दी गई, जिन्हें या तो आगे दूसरे खातों में भेजा गया या तुरंत नकद में निकाल लिया गया।

भाषा धीरज मनीषा

मनीषा


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