HM Amit Shah Meet President Murmu/ Image Credit: ANI X Handle
नई दिल्ली: HM Amit Shah Meet President Murmu: 22 अप्रैल मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की जान चली गई। इस हमले के बाद से ही पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। मोदी सरकार ने पाकिस्तान से सिंधु जल समझौता फिलहाल रोक दिया गया है और साथ ही अटारी बॉर्डर पर चेक पोस्ट को भी बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही पाकिस्तानियों का वीजा रद्द कर दिया गया है। जिसके बाद पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। इतना ही नहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि, भारत जल्द ही पाकिस्तान के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठा।
हर तरफ लगाए जा रहे कयासो के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राजभवन में मुलाकत की। इस मुलाक़ात के बाद लेकर लोग यह अंदाजा लगा रहे हैं कि यह मुलाकात किसी बड़े रणनीतिक फैसले का हिस्सा हो सकती है, खासकर पाकिस्तान के खिलाफ कोई सख्त कदम उठाने की योजना को लेकर। इस बैठक में गृहमंत्री शाह एक लाल फाइल लेकर पहुंचे थे।
Union Minister for Home Affairs and Cooperation, Amit Shah and Minister of External Affairs, Dr S Jaishankar called on President Droupadi Murmu at Rashtrapati Bhavan. pic.twitter.com/tsRIl3llz9
— ANI (@ANI) April 24, 2025
HM Amit Shah Meet President Murmu: पीएम मोदी ने भाई बिहार के मधुबनी में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, पहलगाम में मासूम लोगों की हत्या करने वाले आतंकियों को उनकी कल्पना से भी ज्यादा कड़ी सजा मिलेगी ,.उन्होंने आगे कहा कि, आतंक के आकाओं की कमर तोड़ने का समय आ चुका है। पीएम मोदी के इस बयान और गृहमंत्री शाह की लाल फाइल के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात करने के बाद अब सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान से इस आतंकवादी हमले का जवाब देने की बात कही है।
HM Amit Shah Meet President Murmu: कयास लगाए जा रहे हैं कि, भारत सरकार पाकिस्तान के खिलाफ सख्त सैन्य कार्रवाई या कूटनीतिक कदम उठा सकती है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुलाकात भारत की तरफ से पाकिस्तान को एक मजबूत संदेश देने के लिए की गई है, ताकि भविष्य में ऐसे हमले न हो सकें। हालांकि, अब यह देखना होगा कि सरकार की ओर से किस तरह के ठोस कदम उठाए जाते हैं और क्या इस हमले का उचित और प्रभावी जवाब दिया जाता है।