ISRO ने हासिल की एक और सफलता, आदित्य-L1 अंतरिक्ष यान पर तैनात किया ‘मैग्नेटोमीटर बूम’

इसरो ने आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान पर ‘मैग्नेटोमीटर बूम’ सफलतापूर्वक तैनात किया

ISRO ने हासिल की एक और सफलता, आदित्य-L1 अंतरिक्ष यान पर तैनात किया ‘मैग्नेटोमीटर बूम’
Modified Date: January 26, 2024 / 05:58 pm IST
Published Date: January 26, 2024 4:57 pm IST

ISRO successfully deploys ‘Magnetometer Boom’ on Aditya-L1 spacecraft: बेंगलुरु, 26 जनवरी । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में कम तीव्रता वाले अंतरग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र को मापने के लिए तैयार किये गये ‘मैग्नेटोमीटर बूम’ को आदित्य-एल1 उपग्रह पर सफलतापूर्वक तैनात कर दिया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि छह मीटर लंबे ‘मैग्नेटोमीटर बूम’ को 11 जनवरी को ‘एल1’ (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर ‘हालो’ कक्षा में तैनात किया गया था। यह ‘आदित्य-एल1’ के प्रक्षेपण के बाद से 132 दिन तक संग्रहीत स्थिति में था।

‘मैग्नेटोमीटर बूम’ एक वैज्ञानिक उपकरण है जिसका उपयोग मैग्नेटोस्फीयर (चुम्बकीय क्षेत्र) का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है। इसरो के अनुसार ‘मैग्नेटोमीटर’ में अत्याधुनिक और उच्च सटीकता वाले चुंबकीय सेंसर के दो सेट होते हैं।

इसने कहा, ‘‘सेंसर अंतरिक्ष यान से तीन और छह मीटर की दूरी पर स्थापित किए गए हैं। इन दूरियों पर उन्हें स्थापित करने से माप पर अंतरिक्ष यान द्वारा उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र का प्रभाव कम हो जाता है, और उनमें से दो का उपयोग करने से इस प्रभाव का सटीक अनुमान लगाने में सहायता मिलती है। दोहरी सेंसर प्रणाली अंतरिक्ष यान के चुंबकीय प्रभाव को खत्म करने में सहायक होती है।’’

 ⁠

इसरो ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए देश के पहले सौर मिशन यान ‘आदित्य एल1’ को छह जनवरी को पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर अपनी अंतिम गंतव्य कक्षा में स्थापित करा दिया था। ‘आदित्य एल1’ का दो सितंबर, 2023 को सफल प्रक्षेपण किया गया था।

‘आदित्य एल1’ को सूर्य परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ‘एल1’ पर सौर वायु का वास्तविक अवलोकन करने के लिए तैयार किया गया है।

इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सौर वातावरण में गतिशीलता, सूर्य के परिमंडल की गर्मी, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप या ‘कोरोनल मास इजेक्शन’ (सीएमई), सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियों और उनकी विशेषताओं तथा पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में मौसम संबंधी समस्याओं को समझना है।

read more:  Chandkhuri की प्रतिमा बदलेगी BJP सरकार । मंत्री Brijmohan Agrawal का बड़ा बयान | Khabar Bebak

read more: छत्तीसगढ़ के कोल और लिकर स्कैम में शामिल नेता और अधिकारियों की बढ़ेंगी मुश्किलें, ED ने 105 लोगों के खिलाफ़ दर्ज कराई FIR


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com