ऑक्सीजन, दवाओं की कमी के चलते आईटीबीपी कोविड केयर सेंटर पूरी तरह चालू नहीं हो पाया

ऑक्सीजन, दवाओं की कमी के चलते आईटीबीपी कोविड केयर सेंटर पूरी तरह चालू नहीं हो पाया

ऑक्सीजन, दवाओं की कमी के चलते आईटीबीपी कोविड केयर सेंटर पूरी तरह चालू नहीं हो पाया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:44 pm IST
Published Date: May 4, 2021 11:32 am IST

(नीलाभ श्रीवास्तव)

नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए एक सप्ताह पहले खुला आईटीबीपी संचालित कोविड-19 देखभाल केंद्र ऑक्सीजन के जरूरी कोटे और दवाइयों की कमी के चलते निर्धारित 500 में से केवल 300 बिस्तरों के साथ ही चालू हो पाया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश के स्वास्थ्य तंत्र पर बड़ा दबाव पैदा कर दिया है एवं कई राज्य बिस्तरों, ऑक्सीजन, दवाइयों एवं चिकित्सा उपकरणों की कमी से जूझ रहे हैं।

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पीटीआई -भाषा के पास उपलब्ध आधिकारिक आंकड़े के अनुसार रविवार को सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर (एसपीसीसीसी) में (500 में से) बस 350 ऑक्सीजन बिस्तर ही इस्तेमाल के लिए हैं।

आंकड़ों से यह भी सामने आया कि दक्षिण दिल्ली के छतरपुर में इस स्थित इस केंद्र में बस 2.99 मीट्रिक टन ही तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है जबकि स्वीकृत कोटा 6.55 मीट्रिक टन का है।

दिल्ली सरकार के अनुरोध पर राधा स्वामी ब्यास के परिसर में एसपीसीसीसी 26 अप्रैल को चालू किया गया था। उसे कोविड-19 मरीजों की जरूरतों को पूरा करने के लिए शुरू किया गया था और इसका प्रबंधन भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की चिकित्सा शाखा के हाथों में है।

केंद्र के संचालन से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि आईटीबीपी चिकित्सकों एवं अर्धचिकित्साकर्मियों के हाथ बंधे हैं क्योंकि जरूरी ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा दवाइयों की कमी जैसे अन्य मुद्दे भी हैं।

इस केंद्र का संपूर्ण कामकाज भी निराशाजनक है क्योंकि मंगलवार के आधे दिन तक उपलब्ध आंकड़े के लिए बस 309 बिस्तरों पर ही मरीज हैं।

आंकड़ों के हिसाब से पिछले सप्ताह शुरू होने के बाद इस केंद्र में कोविड-19 के 720 मरीजों को भर्ती किया गया था, जिनमें से 301 को चिकित्सकीय परामर्श पर छुट्टी, अनुरोध पर छुट्टी और उपचार के बाद छुट्टी जैसे आधार पर छुट्टी दे दी गयी। यहां आईसीयू एवं वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है।

भाषा

राजकुमार दिलीप

दिलीप


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