अशोका विवि के प्रोफेसर की गिरफ्तारी की निंदा करते हैं, तुरंत रिहा किया जाए : जेएनयूटीए

अशोका विवि के प्रोफेसर की गिरफ्तारी की निंदा करते हैं, तुरंत रिहा किया जाए : जेएनयूटीए

अशोका विवि के प्रोफेसर की गिरफ्तारी की निंदा करते हैं, तुरंत रिहा किया जाए : जेएनयूटीए
Modified Date: May 18, 2025 / 08:38 pm IST
Published Date: May 18, 2025 8:38 pm IST

नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कथित तौर पर सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट करने के मामले में अशोका विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी की निंदा की और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की।

आरोप है कि महमूदाबाद ने संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये देश की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डाला।

महमूदाबाद को रविवार को गिरफ्तार किया गया था, जबकि कुछ दिन पहले ही हरियाणा राज्य महिला आयोग ने उनकी टिप्पणियों को लेकर उन्हें नोटिस भेजा था।

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हालांकि, महमूदाबाद ने कहा था कि उनकी टिप्पणियों को ‘‘गलत समझा गया’’ है और उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग किया है।

जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने एक बयान में कहा, ‘‘जेएनयूटीए हरियाणा पुलिस द्वारा डॉ. महमूदाबाद की पूरी तरह से अनुचित गिरफ्तारी पर अपना आक्रोश व्यक्त करता है। यह गिरफ्तारी, कथित तौर पर सत्तारूढ़ पार्टी के एक नेता की शिकायत के आधार पर की गई है, और यह हरियाणा राज्य महिला आयोग द्वारा प्रोफेसर महमूदाबाद द्वारा दिए गए कुछ बयानों पर स्वतः संज्ञान लेने के अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कार्रवाई करने के तुरंत बाद की गई है।’’

सहायक पुलिस आयुक्त (राय) अजीत सिंह ने फोन पर बताया कि अशोका विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख महमूदाबाद को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित टिप्पणियों के सिलसिले में की गई है।

जेएनयूटीए ने प्रोफेसर के खिलाफ आरोपों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा, ‘‘जेएनयूटीए प्रोफेसर खान की तत्काल रिहाई और उनके खिलाफ झूठे मामलों को वापस लेने की मांग करता है। यह भी उम्मीद व्यक्त करता है कि न्यायिक प्रक्रिया काम करेगी और यह सुनिश्चित करने के लिए तेजी से काम करेगी कि उनके वैध अधिकारों की रक्षा की जाए और कानून का दुरुपयोग करने के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए।’’

भाषा धीरज रंजन

रंजन


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