जोशीमठ का मामला उच्च न्यायालय के समक्ष : उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया |

जोशीमठ का मामला उच्च न्यायालय के समक्ष : उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया

जोशीमठ का मामला उच्च न्यायालय के समक्ष : उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया

:   Modified Date:  February 7, 2023 / 08:18 PM IST, Published Date : February 7, 2023/8:18 pm IST

नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय को मंगलवार को अवगत कराया गया कि उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के बाद उत्तराखंड उच्च न्यायालय जोशीमठ के भू-धंसाव से जुड़े मुद्दों पर विचार कर रहा है।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ वकील रोहित डंडरियाल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में केंद्र को मामले पर गौर करने और प्रभावित परिवारों के जल्द पुनर्वास के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया।

उत्तराखंड सरकार के वकील ने पीठ को बताया कि याचिकाकर्ता का ‘‘अनुरोध पहले ही सुना जा चुका है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दो चीजें हैं। वह (याचिकाकर्ता) एक उच्चस्तरीय समिति और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं। दोनों मुद्दों को उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड भेज दिया है। ये सभी मामले अब उत्तराखंड उच्च न्यायालय के समक्ष हैं।

बाद में याचिकाकर्ता द्वारा उच्च न्यायालय से याचिका वापस ले ली गई। पिछले महीने, उत्तराखंड सरकार ने पीठ को बताया कि अधिकारी जोशीमठ के प्रभावित परिवारों का पुनर्वास कर रहे हैं और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के साथ-साथ एसडीआरएफ के कर्मियों को भी क्षेत्र में तैनात किया गया है। यह भी दावा किया गया कि एक पुनर्वास पैकेज तैयार किया जा रहा है और बहुत सारे राहत कार्य जारी हैं।

जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते कई मकानों, सड़कों और खेतों में बड़ी दरारें विकसित हो रही हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि कई मकान धंस गए हैं।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश

 

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