कालरा ने ‘सफेदपोश अपराध’ को अंजाम दिया : दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा | Kalra committed 'white-collar crime': Delhi Police says in court

कालरा ने ‘सफेदपोश अपराध’ को अंजाम दिया : दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा

कालरा ने ‘सफेदपोश अपराध’ को अंजाम दिया : दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:48 PM IST, Published Date : May 29, 2021/8:00 am IST

नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) दिल्ली पुलिस ने शनिवार को एक अदालत को बताया कि ऑक्सीजन सांद्रकों की कालाबाजारी मामले में आरोपी कारोबारी नवनीत कालरा ने ‘सफेदपोश अपराध’ (समाज में ऊंची हैसियत व सम्मान रखने वाले शख्स द्वारा किया गया अपराध) को अंजाम दिया और मृत्यु शैय्या पर लेटे मरीजों को अत्यधिक दामों पर चिकित्सा उपकरण बेचकर मुनाफा कमाया।

हाल ही में एक छापे के दौरान कालरा के रेस्तरां खान चाचा, टाउन हॉल तथा नेगे एंड जू से कोविड-19 मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले 524 ऑक्सीजन सांद्रक बरामद किए गए थे। रेस्तरां मालिक तीन जून तक न्यायिक हिरासत में है।

मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने ऑक्सीजन सांद्रकों की कथित जमाखोरी करने और उन्हें ऊंचे दामों पर बेचने के लिए 17 मई को गिरफ्तार किए गए कालरा की जमानत अर्जी पर सुनवाई की।

दिल्ली पुलिस की तरफ से पैरवी कर रहे अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत को बताया, ‘‘उसकी मंशा लोगों को ठगने और मुनाफा कमाने की थी। यह सफेदपोश अपराध है। उसने मृत्यु शैय्या पर पड़े जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन सांद्रक बेचे।’’ श्रीवास्तव ने कालरा की जमानत याचिका खारिज करने का अनुरोध किया।

दिल्ली पुलिस ने यह टिप्पणियां तब की है जब एक दिन पहले कालरा ने वरिष्ठ वकील विकास पहवा के जरिए अदालत को बताया कि उसकी लोगों को ठगने की आपराधिक मंशा नहीं थी और उसे मुकदमे की सुनवाई से पहले हिरासत में नहीं रखा जा सकता।

शनिवार को सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक ने अदालत को कालरा के ऑक्सीजन सांद्रक विवरण पुस्तिका दिखाई और कहा कि ये जर्मनी से नहीं लाए गए थे जैसा कि आरोपी ने दावा किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसका ऑक्सीजन का प्रवाह 35 प्रतिशत से कम का था और उसने 27,999 की एमआरपी के बजाय 70,000 रुपये से अधिक कीमत पर इसे बेचा।’’

कालरा की इस दलील पर कि वह केवल जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहा था, इस पर लोक अभियोजक ने कहा, ‘‘वह कोई परमार्थ नहीं कर रहा था। अगर वह लागत जितने दाम पर ही इन्हें बेचता तो यह परोपकार होता लेकिन उसने मुनाफा कमाया।’’

श्रीवास्तव ने कहा कि डॉक्टरों की राय है कि ये ऑक्सीजन सांद्रक कम क्षमता के कारण कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए उपयुक्त नहीं थे।

उन्होंने कहा, ‘‘ये बेकार था और महज एक डिब्बा था। यहां तक कि हल्के और मध्यम लक्षण वाले मरीजों के लिए इनका इस्तेमाल करने से नुकसान पहुंच सकता था। इससे मौत होने की आशंका है।’’

उन्होंने अदालत को अपराध की गंभीरता के बारे में बताया और इस आधार पर जमानत रद्द करने का अनुरोध किया कि कारोबारी ने सबूतों से छेड़छाड़ की और उपकरण से सामग्री हटायी।

पुलिस ने दावा किया कि ये सांद्रक चीन से आयात किए गए और इन्हें 16,000 से 22,000 रुपये प्रति सांद्रक की कीमत के बजाय 50,000 रुपये से 70,000 रुपये के अत्यधिक दाम पर बेचा गया।

भाषा गोला प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)