भोपाल/रायपुर। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल पर मंथन जारी है। एक ओर जहां मप्र में विधायकों के शपथग्रहण की तारीख 7 जनवरी तय हो गई है वहीं, छत्तीसगढ़ में अभी तय नहीं हुआ है। दोनों ही राज्य के मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल के लिए आलाकमान से चर्चा करने गुरुवार रात दिल्ली रवाना हुए।
दिल्वाली रवाना होने से पहले कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा में कहा कि उन्होंने कहा कि नए विधायकों को मंत्रिमंडल में नहीं लिया जाएगा। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि 7 जनवरी को नवनिर्वाचित विधायकों का शपथग्रहण होगा और 8 जनवरी से विधानसभा का सत्र प्रारंभ होगा। बता दें कि सीएम कमलनाथ 21 से 25 जनवरी तक स्विट्जरलैंड के दावोस जाएंगे। वहां वे इंटनेशनल वर्ल्ड इकोनॉमी कांफ्रेंस में शामिल होंगे। इस दौरान उनके साथ अशोक वर्णवाल, मोहम्मद सुलेमान और 5 उद्योगपति भी साथ रहेंगे। इससे पहले वे 3 दिन के प्रवास पर छिंदवाड़ा जाएंगे। 30 दिसम्बर से 1 जनवरी तक वे छिंदवाड़ा में रहेंगे।
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वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी गुरुवार की रात नियमित फ्लाइट से अपने मंत्रिमंडल के संभावित सदस्यों का नाम लेकर दिल्ली रवाना हुए। वहां वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और वरिष्ठ नेताओं से चर्चा इन नामों की अंतिम सूची बनाकर मंत्रिमंडल का गठन करेंगे। संभवत: वे एक दो-दिन बाद अपने मंत्रिमंडल की सूची लेकर लौट आएंगे।
दिल्ली रवाना होने के पूर्व संवाददाताओं से चर्चा करते हुए भूपेश बघेल ने कहा, उम्मीद है कि वे जब दिल्ली से लौटेंगे तो मंत्रिमंडल की सूची उनके हाथ में होगी। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व मिलेगा। पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल वे कोई सूची लेकर नहीं जा रहे हैं, सूची तो दिल्ली में फाइनल होती है। बघेल के साथ आरंग के विधायक शिव डहरिया, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश वर्ल्यानी, उनके नवनियुक्त राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, मीडिया सलाहकार रुचिर गर्ग और संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी भी दिल्ली रवाना हुए।
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