मलप्पुरम (केरल), 13 जून (भाषा) केरल में नीलांबुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार ने शुक्रवार को जोर पकड़ लिया, जब मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने जमात-ए-इस्लामी के साथ कथित सहयोग को लेकर यूडीएफ की आलोचना की और दावा किया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन सत्तारूढ़ वामपंथ के खिलाफ खड़े किसी भी समूह से समर्थन लेने को तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह विश्वास करना कठिन है कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग नेतृत्व की जानकारी के बिना जमात-ए-इस्लामी के साथ गठबंधन करने का रुख अपनाया।’’
विजयन ने इस्लामी संगठन के साथ कथित सहयोग को लेकर कांग्रेस के एक प्रमुख सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) पर निशाना साधते हुए यह टिप्पणी की।
वहीं, कांग्रेस नेता और केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन ने पलटवार करते हुए माकपा पर नीलांबुर में खुलेआम सांप्रदायिक बयानबाजी करने का आरोप लगाया।
विवाद के केंद्र में यह मुद्दा है कि क्या धर्मनिरपेक्ष दलों को जमात-ए-इस्लामी द्वारा समर्थित वेलफेयर पार्टी और विवादास्पद मौलवी अब्दुल नसर मदनी के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी जैसे समूहों के साथ गठबंधन करना चाहिए।
नीलांबुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अरयादन शौकत का मुकाबला माकपा के एम स्वराज से है। इस उपचुनाव को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले दोनों मोर्चों के लिए एक कड़े मुकाबले के रूप में देखा जा रहा है।
नीलांबुर के चुंगथारा में एक चुनावी सभा में मुख्यमंत्री ने दोहराया कि यह संभव नहीं है कि कांग्रेस ने अपनी सहयोगी आईयूएमएल को बताए बिना जमात-ए-इस्लामी के साथ सहयोग का रुख अपनाया हो।
उन्होंने कहा, ‘‘यह अवसरवाद का एक स्पष्ट उदाहरण है – जब दोनों सहयोगी खुद को मुश्किल स्थिति में पाते हैं, तो वे किसी पर भी निर्भर होने के लिए तैयार हो जाते हैं। जनता इस बात को समझ रही है।’’
मुख्यमंत्री ने जमात-ए-इस्लामी के साथ कथित सहयोग के लिए वर्तमान आईयूएमएल नेतृत्व की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि इसके पूर्व नेताओं ने समूह के मुखपत्र द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने से इनकार कर दिया था।
विजयन के आरोपों का जवाब देते हुए सतीशन ने कहा कि मुख्यमंत्री और माकपा सांप्रदायिक टिप्पणियों का इस्तेमाल करके चुनावी एजेंडे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
सतीशन ने कहा, ‘‘उन्हें सरकार के रिकॉर्ड पर ध्यान देना चाहिए। इस प्रशासन के प्रति लोगों के तीव्र असंतोष के परिणामस्वरूप यूडीएफ उम्मीदवार को निर्णायक जीत मिलेगी।’’
भाषा सुभाष पारुल
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