उत्तर प्रदेश में ननों को कथित रूप से परेशान किए जाने की घटना की केरल के मुख्यमंत्री ने निंदा की

उत्तर प्रदेश में ननों को कथित रूप से परेशान किए जाने की घटना की केरल के मुख्यमंत्री ने निंदा की

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  • Publish Date - March 24, 2021 / 10:48 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:59 PM IST

तिरुवल्ला (केरल), 24 मार्च (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के झांसी में कथित तौर पर बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा ननों को परेशान किए जाने की घटना की बुधवार को निंदा की और केंद्र से कार्रवाई करने की मांग की।

विजयन ने कहा कि ऐसी घटनाओं से देश की छवि को नुकसान होता है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में विजयन ने कहा कि उन लोगों पर कार्रवाई की जानी चाहिए जो संविधान द्वारा प्रदत्त व्यक्ति के अधिकारों की स्वतंत्रता का हनन करते हैं।

खबरों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ईसाइयत की शिक्षा ले रही दो युवतियां, दो ननों के साथ पहली बार अपने घर जा रही थीं और इस दौरान कथित तौर पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया और धमकाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजरंग दल के सदस्यों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उक्त दोनों युवतियों को जबरन धर्मांतरण के लिए ले जाया जा रहा था, जिसके बाद पुलिस ने ननों और युवतियों को जबरदस्ती ट्रेन से उतरवा लिया।

विजयन ने कहा, “आप मुझसे सहमत होंगे कि ऐसी घटनाओं से देश की छवि धूमिल होती है और धार्मिक सहिष्णुता की प्राचीन परंपरा को नुकसान पहुंचता है।”

इससे पहले पथनमथिट्टा में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान देश में सभी को धर्म चुनने की स्वतंत्रता देता है।

विजयन ने कहा कि सभी को अपनी आस्था के अनुसार जीने का अधिकार है।

उन्होंने कहा, “… कल जो कुछ भी हुआ वह स्वतंत्रता पर हमला था। दोनों प्रकार की स्वतंत्रता भारतीयों का मौलिक अधिकार है। ट्रेन यात्रा के दौरान ननों के इन अधिकारों का हनन किया गया।”

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो कुछ भी हुआ वह देश में नहीं होना चाहिए और यह “बेहद गंभीर” मामला है।

झांसी के अधिकारियों के अनुसार, स्थानीय बजरंग दल कार्यकर्ताओं द्वारा शिकायत की गई थी कि उक्त युवतियों को कथित तौर पर जबरन धर्मांतरण के लिए ले जाया जा रहा था जिसके बाद ननों को हिरासत में ले लिया गया था।

पुलिस ने कहा था कि शिकायत का कोई आधार नहीं है और बाद में चारों महिलाओं ने ओडिशा स्थित अपने गंतव्य के लिए ट्रेन पकड़ ली थी।

भाषा यश शोभना

शोभना