तिरुवनंतपुरम, 28 मई (भाषा) सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने केरल की कर्ज सीमा को आधा करने के केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह किसी भी तरह से ‘‘राज्य का गला घोटने का प्रयास’’ है।
माकपा के राज्य सचिवालय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व काली केंद्र सरकार केरल के वित्तीय मामलों में दखल देकर उसकी विकास पहल को बाधित कर रही है।
सचिवालय ने नागरिक समाज संगठनों से केरल पर लगाए गए ‘‘राजकोषीय प्रतिबंध’’ का विरोध करने का भी आग्रह किया।
वाम दल ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार ने पहले 32,442 करोड़ रुपये उधार लेने की अनुमति दी थी, लेकिन अब यह सीमा घटाकर 15,390 करोड़ रुपये कर दी गई है।
केरल के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल ने शुक्रवार को बताया था कि केंद्र सरकार ने उधार लेने की सीमा 15,390 करोड़ रुपये कर दी है, जो पहले से आधी है।
बयान के अनुसार, ‘‘केंद्र सरकार राजकोषीय उत्तरदायित्वों के कानून को भी नहीं मानती। उन्होंने अभी तक उधार लेने की सीमा कम करने के पीछे के कारण की जानकारी नहीं दी है।’’
भाषा निहारिका सिम्मी
सिम्मी
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)