केरलवासियों ने पारंपरिक तरीके से ओणम उत्सव मनाया

केरलवासियों ने पारंपरिक तरीके से ओणम उत्सव मनाया

केरलवासियों ने पारंपरिक तरीके से ओणम उत्सव मनाया
Modified Date: September 15, 2024 / 01:06 pm IST
Published Date: September 15, 2024 1:06 pm IST

तिरुवनंतपुरम, 15 सितंबर (भाषा) केरलवासियों ने रविवार को राज्य में हर बार की तरह पूरे हर्षोल्लास के साथ ओणम फसल उत्सव मनाया।

दस दिवसीय उत्सव के सबसे शुभ कहे जाने वाले दिन ‘थिरुवोनम’ के मौके पर लोगों ने पारंपरिक ‘कासवु’ साड़ी और ‘मुंडू’ (धोती) पहनी और सुबह के समय गांवों व कस्बों में मंदिरों के दर्शन किए।

सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वायनाड में हाल में हुए विनाशकारी भूस्खलन के कारण कोई आधिकारिक ओणम उत्सव नहीं मनाया जाएगा।

 ⁠

हालांकि, राज्य में हमेशा की तरह पारंपरिक उत्सव मनाया गया, जिसमें युवाओं और बच्चों ने अपने घरों को रंग-बिरंगे कालीन बिछाकर सजाया और बुजुर्गों ने परिवार के अन्य सदस्यों को ‘ओनाक्कोडी’ (नए कपड़े) भेंट किए। इस दौरान पारंपरिक झूले ‘ऊंजल’ ने भी कई घरों के आंगनों की शोभा बढ़ाई।

परिवार के सदस्यों ने विभिन्न शाकाहारी व्यंजनों और स्वादिष्ट मिठाई ‘पायसम’ से युक्त एक शानदार ‘ओनासद्या’ (भोज) तैयार किया।

गौरवशाली अतीत की यादों को ताजा करते हुए, स्थानीय क्लबों के तत्वावधान में वडमवली (रस्साकशी) और ‘उरियाडी’ (बर्तन तोड़ना) जैसे पारंपरिक खेल और ‘पुलिककली’, ‘थिरुवथिरा’, ‘थेय्यम’ जैसी कला गतिविधियों का आयोजन किया गया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने दुनिया भर के मलयाली लोगों को ओणम की शुभकामनाएं दीं।

भाषा जोहेब नेत्रपाल

नेत्रपाल


लेखक के बारे में