Ladakh Protest News: लद्दाख की रात अंधेरे में डूबेंगी, मौतों के खिलाफ उठेंगी मौन चीखें, सरकार से जवाब की मांग..!
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह और कारगिल जिलों में शनिवार को व्यापक मौन प्रदर्शन, बाजार बंद और ब्लैकआउट के जरिए क्षेत्रीय जनता ने 24 सितंबर को हुई मौतों के विरोध में अपनी पीड़ा और असंतोष जाहिर करेंगे।
Ladakh Protest News/ image source: IBC24
- लेह और कारगिल जिलों में व्यापक मौन प्रदर्शन और बाजार बंद।
- शाम 6 से 9 बजे तक पूरे लद्दाख में ब्लैकआउट किया जाएगा।
- 24 सितंबर की मौतों के विरोध में न्याय और अधिकारों की मांग।
Ladakh Protest News: लद्दाख: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह और कारगिल जिलों में शनिवार को व्यापक मौन प्रदर्शन, बाजार बंद और ब्लैकआउट के जरिए क्षेत्रीय जनता ने 24 सितंबर को हुई मौतों के विरोध में अपनी पीड़ा और असंतोष जाहिर करेंगे। यह आयोजन न केवल मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए किया जाएगा, बल्कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने, संविधान की छठी अनुसूची के तहत सुरक्षा और हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई की मांग को लेकर भी किया जाएगा।
मौन मार्च का होगा आयोजन
लेह अपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के नेतृत्व में सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक दोनों जिलों में ब्लॉक स्तर तक मौन मार्च आयोजित किया जाएगा। इससे पहले सुबह 9 बजे से ही लेह के बाजार पूरी तरह बंद रहेंगे। वहीं शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक पूरे लद्दाख में ब्लैकआउट किया जाएगा, वहीं लोग स्वेच्छा से अपने घरों की बिजली बंद कर मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि और सरकार के रवैये के प्रति विरोध प्रकट करेंगे।
क्या मांग कर रहे प्रदर्शनकारी
लेह व्यापारी संगठन, कारगिल बार एसोसिएशन, पर्वतीय विकास परिषद, ट्रांसपोर्ट और ऑटोमोबाइल एसोसिएशनों सहित अनेक संगठनों ने एकजुट होकर इन प्रदर्शनों का समर्थन करेंगे। सभी की मांग है कि 24 सितंबर की घटना की न्यायिक जांच हो, मृतकों और घायलों को उचित मुआवजा मिले, और हिरासत में लिए गए सामाजिक कार्यकर्ताओं व छात्रों को बिना शर्त रिहा किया जाए। बता दें कि, कारगिल डेमोक्रेटिक पार्टी ने शुक्रवार को एक बैठक कर प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा लेकिन जब तक लद्दाख को उसका हक नहीं मिलता, संघर्ष जारी रहेगा।
KDA के सह-अध्यक्ष ने क्या बताया ?
KDA के सह-अध्यक्ष असगर अली करबलई ने एलान किया कि 18 अक्तूबर को चंगराह बाजार से लेकर लाल चौक तक एक मौन मार्च निकाला जाएगा, जिसमें लद्दाख के प्रत्येक ब्लॉक और उपमंडल से लोग भाग लेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार पर असंवेदनशील रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा केंद्र शासित ढांचा पूरी तरह असफल साबित हुआ है।

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