नयी दिल्ली, एक सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से बातचीत पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वामपंथी दलों ने भारत-चीन संबंधों में आई गर्माहट का स्वागत किया है।
सोमवार को जारी एक बयान में, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने मोदी और शी के बीच बैठक के ‘सकारात्मक परिणाम’ का स्वागत किया।
उसने एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच बैठक के सकारात्मक परिणाम का स्वागत करती है। विश्व की दो सबसे प्राचीन सभ्यताओं, भारत और चीन के नेताओं के बीच सहयोग इस बात की पुष्टि करता है कि हमारे देश प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि साझेदार बनने के लिए बने हैं।’’
वामपंथी पार्टी ने कहा कि यह वार्ता सभी स्तरों – राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और लोगों के बीच आपसी संपर्क – पर बेहतर समझ की दिशा में आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता का संकेत देती है।
इसमें कहा गया है, ‘‘ऐसा सहयोग न केवल हमारे दोनों देशों के लिए, बल्कि ग्लोबल साउथ की एकता को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बहुध्रुवीयता को आगे बढ़ाने के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।’’
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव एम.ए. बेबी ने रविवार को ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में , ‘‘भारत-चीन संबंधों में प्रगति, सीमा प्रबंधन को लेकर हुए समझौते, कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली और सीधी उड़ानों पर सहमति का स्वागत किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ पर, दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देशों और प्राचीन सभ्यताओं के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों और सहयोग को मजबूत करना एक बहुत ही सकारात्मक कदम है।’’
भाषा प्रशांत शोभना
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