उच्चतम न्यायालय की सुनवायी का प्रायोगिक आधार पर होगा सजीव प्रतिलेखन

उच्चतम न्यायालय की सुनवायी का प्रायोगिक आधार पर होगा सजीव प्रतिलेखन

उच्चतम न्यायालय की सुनवायी का प्रायोगिक आधार पर होगा सजीव प्रतिलेखन
Modified Date: February 21, 2023 / 03:59 pm IST
Published Date: February 21, 2023 3:59 pm IST

नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने पहली बार, मंगलवार से अपनी सुनवाई के प्रायोगिक आधार पर सजीव प्रतिलेखन (ट्रांसक्रिप्शन) के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग शुरू किया।

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ के अदालत कक्ष में सजीव प्रतिलेखन शुरू किया गया है।

संविधान पीठ की सुनवायी का प्रतिलेखन मंगलवार से किया जाएगा और वकीलों को उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड करने से पहले पुनरीक्षण के लिए दिया जाएगा।

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सीजेआई ने कहा कि यह एक या दो दिनों के लिए प्रायोगिक आधार पर होगा, ताकि प्रतिलेखन में कमी को दूर किया जा सके।

संविधान पीठ द्वारा सुनवाई शुरू किये जाने के बाद सीजेआई के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा, ‘‘क्या आप स्क्रीन देख रहे हैं? हम केवल सजीव प्रतिलेखन की संभावनाओं का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। उसके बाद हम जिरह का एक स्थायी रिकॉर्ड रखेंगे। विधि कॉलेज विश्लेषण कर सकते हैं।’’

सीजेआई के नेतृत्व वाली संविधान पीठ महाराष्ट्र में 2022 के सत्ता संघर्ष से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही है।

भाषा अमित पवनेश

पवनेश


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