लोक अदालत का फैसला भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजे के पुनर्निधारण का आधार नहीं हो सकता:न्यायालय

लोक अदालत का फैसला भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजे के पुनर्निधारण का आधार नहीं हो सकता:न्यायालय

लोक अदालत का फैसला भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजे के पुनर्निधारण का आधार नहीं हो सकता:न्यायालय
Modified Date: November 29, 2022 / 08:20 pm IST
Published Date: February 3, 2022 8:27 pm IST

नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि विधिक सेवाएं प्राधिकार अधिनियम,1987 के एक प्रावधान के तहत लोक अदालत का आदेश भूमि अधिग्रहण अधिनियम,1894 के तहत मुआवजे का पुनर्निधारण के लिए आधार नहीं हो सकता।

शीर्ष अदालत ने कहा कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 28ए, जो अदालत के आदेश पर मुआवजे की राशि के पुनर्निधारण से संबद्ध है, के तहत आवेदन को 1987 के अधिनियम की धारा 20 के तहत लोक अदालत द्वारा जारी आदेश का आधार नहीं माना जा सकता।

वहीं, विधिक सेवाएं प्राधिकार अधिनियम,1987 की धारा 20 लोक अदालत द्वारा मामलों का संज्ञान लिये जाने से संबद्ध है।

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लोक अदालत विवाद निवारण का एक वैकल्पिक तंत्र है या यह एक ऐसा मंच है जहां अन्य अदालतों में लंबित मामलों का वाद पूर्व स्थिति में विवादों का समाधान या सौहार्द्रपूर्ण हल किया जाता है।

न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्ह की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मई 2020 के एक फैसले के खिलाफ अपीलों पर अपना फैसला सुनाया। पीठ ने कहा , ‘‘लोक अदालत द्वारा पारित अवार्ड समझौता डिक्री नही है।’’

भाषा

सुभाष अनूप

अनूप


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