मधुबनी, गोंड चित्रकला के कलाकारों ने राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन किया

मधुबनी, गोंड चित्रकला के कलाकारों ने राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन किया

मधुबनी, गोंड चित्रकला के कलाकारों ने राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन किया
Modified Date: May 26, 2025 / 05:31 pm IST
Published Date: May 26, 2025 5:31 pm IST

नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) मधुबनी और गोंड चित्रकला के कलाकारों का एक समूह राष्ट्रपति भवन में एक सप्ताह तक चलने वाले एक विशेष कार्यक्रम के तहत देश की पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन कर रहा है। सोमवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

बयान में कहा गया है कि कलाकारों ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।

राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में इन कलाकारों के ठहरने के दौरान बनाई गई चित्रकारी (पेंटिंग) को देखा।

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उन्होंने भारत की महत्वपूर्ण पारंपरिक कला रूपों में उनके योगदान की सराहना की और उनके भविष्य के कलात्मक प्रयासों में सफलता की कामना की।

बयान में कहा गया है कि भारत की पारंपरिक कला रूपों को उनके मूल रूपों में कलाकारों के प्रवास कार्यक्रम – कला उत्सव में प्रदर्शित किया जा रहा है।

इस कला उत्सव ने राष्ट्रपति भवन में भारत के लोक, आदिवासी और पारंपरिक कलाकारों को भी एक मंच प्रदान किया है, जिन्होंने पीढ़ियों से कला के विभिन्न रूपों को जारी रखा है।

बयान में कहा गया है, मध्यप्रदेश की गोंड चित्रकला और बिहार की मधुबनी चित्रकला (मिथिला पेंटिंग) के कलाकार ‘आर्टिस्ट-इन-रेजिडेंस’ कार्यक्रम के तहत 20 से 27 मई 2025 तक राष्ट्रपति भवन में ठहरे हुए हैं।’’

बयान के अनुसार, ‘मिथिला पेंटिंग’ के कलाकारों में शांति देवी, अंबिका देवी, मनीषा झा, प्रीति कर्ण, रंजन पासवान, शांति देवी, उर्मिला देवी, श्रवण पासवान, कुमारी नलिनी शाह और मोती कर्ण हैं। वहीं, गोंड चित्रकला के कलाकारों में दुर्गाबाई व्याम, सुभाष व्याम, ननकुसिया श्याम, राम सिंह उर्वेती, दिलीप श्याम, चंपाकली, हीरामन उर्वेती और जापानी श्याम धुर्वे शामिल हैं।

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप


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