मप्र उच्च न्यायिक सेवा नियमों में संशोधन रद्द करने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगी शीर्ष अदालत

मप्र उच्च न्यायिक सेवा नियमों में संशोधन रद्द करने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगी शीर्ष अदालत

मप्र उच्च न्यायिक सेवा नियमों में संशोधन रद्द करने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगी शीर्ष अदालत
Modified Date: November 9, 2025 / 04:59 pm IST
Published Date: November 9, 2025 4:59 pm IST

नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय सोमवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें जिला न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति के लिए मध्य प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (भर्ती एवं सेवा शर्तें) नियम, 1994 में संशोधन को रद्द कर दिया गया था।

यह संशोधन 2015 में पेश किया गया था। संशोधन में उच्च न्यायालय को जिला न्यायाधीश (प्रवेश स्तर) के पदों को उस स्थिति में जिला न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा भरने की अनुमति दी गई, जब लगातार दो परीक्षाओं में बार कोटा (अधिवक्ता कोटा) से उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिलें।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा अपने रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से दायर याचिका में चार अप्रैल, 2025 के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।

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अधिवक्ता अश्विनी दुबे के माध्यम से दायर याचिका के अनुसार, सात वर्ष से अधिक अनुभव वाले वकीलों के लिए निर्धारित कोटे से जिला न्यायाधीशों के चयन की अत्यंत कम संख्या की चुनौतीपूर्ण स्थिति को दूर करने के लिए यह संशोधन पेश किया गया था।

उच्चतम न्यायालय की वाद सूची के अनुसार, न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर सकती है।

याचिका में कहा गया है कि 2011 से 2015 तक मध्य प्रदेश में कई भर्ती अभियानों में 304 रिक्तियां अधिसूचित की गईं, लेकिन केवल 11 वकील ही उपयुक्त पाए गए, इस प्रकार जिला न्यायाधीश (प्रवेश स्तर) के केवल 11 रिक्तियों को उपयुक्त वकीलों की सीधी भर्ती के माध्यम से भरा गया।

इसमें कहा गया, “यह उपयुक्त वकीलों की भर्ती के माध्यम से भरे जाने के लिए निर्धारित उपलब्ध पदों में से 3.61 प्रतिशत को भरने के समान है।”

भाषा प्रशांत नेत्रपाल

नेत्रपाल


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