महाशिवरात्रि: राजस्थान के शिवालयों में उमड़े श्रद्धालु, हर-हर महादेव की गूंज |

महाशिवरात्रि: राजस्थान के शिवालयों में उमड़े श्रद्धालु, हर-हर महादेव की गूंज

महाशिवरात्रि: राजस्थान के शिवालयों में उमड़े श्रद्धालु, हर-हर महादेव की गूंज

:   Modified Date:  March 8, 2024 / 05:23 PM IST, Published Date : March 8, 2024/5:23 pm IST

जयपुर, आठ मार्च (भाषा) राजस्थान में महाशिवरात्रि के पर्व पर शिवालयों में शिव भक्तों की लंबी-लंबी कतारें दिखीं। हर-हर महादेव, बम-बम भोले, जय भोले नाथ… के जयघोष के साथ सभी श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने और उनका जलाभिषेक करने के लिये अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दिये।

राजधानी जयपुर के प्रमुख शिवालयों झारखंड महादेव, ताड़केश्वर, रोजगारेश्वर सहित अन्य कई मंदिरों में सुबह से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।

श्रद्धालुओं ने बम बोले की गूंज के साथ शिवलिंग पर रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक के साथ-साथ बेलपत्र (बिल्व पत्र), धतूरा, आंकड़े की पुष्प माला और गुलाब के फूल अर्पित किए।

कोटा के प्रमुख मंदिरों थेकड़ा धाम, कंसुआ मंदिर, भीतरिया कुंड, कर्णेश्वर महादेव समेत अन्य शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी। भितरिया कुंड मंदिर में भोले नाथ के विशेष श्रृंगार किए गए। साथ ही शिव बारात भी निकाली गई।

उदयपुर के एकलिंग जी मंदिर में श्रद्धालु पैदल चलकर दर्शन करने पहुंचे। अजमेर, पाली, बांसवाड़ा सहित प्रदेश के अन्य स्थानों पर मंदिरों में भगवान शिव का विशेष फूलों से श्रृंगार किया गया।

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने लोगों को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं दीं।

राज्यपाल कलराज मिश्र और उनकी पत्नी सत्यवती मिश्र ने राजभवन स्थित राज राजेश्वर शिव मंदिर में रुद्राभिषेक कर विधिवत पूजा-अर्चना की।

राजभवन के प्रवक्ता के अनुसार, मिश्र ने भगवान शिव की पूजा के पश्चात उनकी आरती करते हुए सभी के लिए कल्याण और मंगल की कामना की।

उन्होंने महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर परमपिता परमेश्वर और जगतजननी से प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री शर्मा ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा ‘‘देवाधिदेव महादेव की आराधना को समर्पित ‘महाशिवरात्रि’ के पवित्र पर्व की आप सभी को असंख्य शुभकामनाएं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘महादेव से प्रार्थना है कि हमें जीवन में अपनी पूरी सामर्थ्य के साथ सत्कर्मों में लगे रहने की शक्ति प्रदान करें। उनकी अनुकंपा से सभी का जीवन सुख, शांति एवं उत्तम स्वास्थ्य से परिपूर्ण हो।’’

भाषा कुंज पृथ्वी

संतोष

संतोष

 

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