गुरुग्राम, 26 दिसंबर (भाषा) गुरुग्राम के कई गांवों के लोगों ने दो एकड़ कृषि भूमि पर गिरजाघर के निर्माण के विरोध में शुक्रवार को ‘महापंचायत’ का आयोजन किया, जिसमें विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल समेत विभिन्न हिंदू संगठनों के कई कार्यकर्ता शामिल हुए।
टीकली और आसपास के गांवों के निवासियों ने कहा कि उन्हें आशंका है कि गिरजाघर धर्मांतरण गतिविधियों का अड्डा बन सकता है।
गिरजाघर का निर्माण कर रहे लोगों से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क नहीं किया जा सका।
गांव वालों, विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने निर्माण पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि स्थानीय ईसाई आबादी “10,000 हिंदू परिवारों” के एक प्रतिशत से भी कम है।
टीकली गांव के मुखिया संदीप कुमार ने बताया कि ईसाई समुदाय के कुछ सदस्यों ने गांव के एक किसान से जमीन खरीदी और भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) के लिए आवेदन किया, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया।
कुमार कहा, “उस समय उन लोगों ने हमें आश्वासन दिया था कि कोई गिरजाघर नहीं बनाया जाएगा, लेकिन उन्होंने किसी तरह सीएलयू प्राप्त कर लिया और अब गिरजाघर का निर्माण शुरू कर दिया है, लेकिन हम गांव में कोई भी गिरजाघर नहीं बनने देंगे।”
महापंचायत में 52 सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया, जिसने निर्णय लिया कि उसके सदस्य सोमवार को उपायुक्त से मिलेंगे और मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपेंगे।
नूरपुर, अकलीमपुर, बादशाहपुर, पालरा, गैरतपुर बस और खेरकही बाघनिकी गांवों के लोगों ने ‘महापंचायत’ में हिस्सा लिया, जिसकी अध्यक्षता किशोर सिंह ने की।
हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे क्षेत्र में गिरजाघर का निर्माण नहीं होने देंगे।
भाषा राखी पारुल
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