अधिकतर एशियाई देश संरक्षित क्षेत्रों के लिए जैवविविधता लक्ष्यों के पीछे :अध्ययन

अधिकतर एशियाई देश संरक्षित क्षेत्रों के लिए जैवविविधता लक्ष्यों के पीछे :अध्ययन

अधिकतर एशियाई देश संरक्षित क्षेत्रों के लिए जैवविविधता लक्ष्यों के पीछे :अध्ययन
Modified Date: December 6, 2022 / 04:41 pm IST
Published Date: December 6, 2022 4:41 pm IST

नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) एशिया के अधिकतर देश 2020 तक कम से कम 17 प्रतिशत जमीन को संरक्षित करने के वैश्विक न्यूनतम लक्ष्य को हासिल नहीं कर सके हैं। चालीस देशों के आंकड़ों पर आधारित अध्ययन में यह जानकारी सामने आई।

अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार मौजूदा परिस्थितियों में कम से कम 30 प्रतिशत जमीन को बचाने के संयुक्त राष्ट्र वैश्विक जैवविविधता रूपरेखा के 2030 के लक्ष्य को हासिल करने की संभावना धुंधली नजर आती है और एशिया इसमें अधिक पीछे रह सकता है।

वैश्विक जैवविविधता संकट का मुकाबला करने के लिए जैवविविधता पर संयुक्त राष्ट्र के 2010 के समझौते में करीब 200 देशों ने 2020 तक अपने कम से कम 17 प्रतिशत धरती के पर्यावरण को बचाने का संकल्प लिया।

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यह पता लगाने के लिए कि क्या उन्होंने इसे हासिल किया है, ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं ने एशिया में सहयोगियों के साथ वर्ल्ड डेटाबेस ऑन प्रोटेक्टिड एरियाज को जमा की गयी आधिकारिक रिपोर्टों के आंकड़ों का विश्लेषण किया।

‘कम्युनिकेशन्स बायलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि केवल 40 प्रतिशत एशियाई देशों ने 2020 तक न्यूनतम 17 प्रतिशत संरक्षित क्षेत्र के लक्ष्य को हासिल किया।

भाषा वैभव माधव

माधव


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