ममता ने नंदीग्राम में सुवेंदु अधिकारी को चुनौती देने का किया ऐलान | Mamata announces challenge to Suvendu adhikari in Nandigram

ममता ने नंदीग्राम में सुवेंदु अधिकारी को चुनौती देने का किया ऐलान

ममता ने नंदीग्राम में सुवेंदु अधिकारी को चुनौती देने का किया ऐलान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : January 18, 2021/10:57 am IST

नंदीग्राम (पश्चिम बंगाल), 18 जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी लड़ाई को राजनीतिक दिग्गज सुवेंदु अधिकारी के गढ़ में ले जाते हुए सोमवार को घोषणा की कि वह वहां से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। अधिकारी हाल ही में तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे।

बनर्जी ने इस बड़ी घोषणा के लिए नंदीग्राम को चुना जो भाजपा से दो-दो हाथ करने के तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो के संकल्प का परिचायक है। भाजपा राज्य में एक दशक से राज कर रही तृणमूल को सत्ता से उखाड़ फेंकने की जी-तोड़ कोशिश में जुटी है।

मुख्यमंत्री ने यहां एक रैली में कहा कि दूसरे दलों में जाने वालों को लेकर उन्हें कोई चिंता नहीं क्योंकि जब तृणमूल कांग्रेस बनी थी, तब उनमें से कोई साथ नहीं था।

बनर्जी ने कहा, ‘‘ मैंने हमेशा से नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत की है। यह मेरे लिए भाग्यशाली स्थान है। इस बार, मुझे लगा कि यहां से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए। मैं प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सुब्रत बख्शी से इस सीट से मेरा नाम मंजूर करने का अनुरोध करती हूं।’’

मंच पर मौजूद बख्शी ने तुरंत अनुरोध स्वीकार कर लिया।

नंदीग्राम विशेष आर्थिक क्षेत्र के निर्माण के लिए तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार के ‘जबरन’ ‘जमीन अधिग्रहण के विरूद्ध विशाल जनांदोलन का केंद्र था। लंबे समय तक चले और रक्तरंजित रहे इस आंदोलन के चलते ही बनर्जी और उनकी पार्टी उभरी एवं 2011 में तृणमूल कांग्रेस सत्ता में पहुंचीं। इसी के साथ 34 साल से जारी वाम शासन पर पूर्ण विराम लगा था।

हालांकि पाला बदलकर भाजपा से हाथ मिला चुके अधिकारी ने बनर्जी पर आरोप लगाया कि जिस क्षेत्र ने बनर्जी को सत्ता दिलाने में मदद पहुंचायी, उस क्षेत्र के लोगों को उन्होंने भुला दिया।

बनर्जी फिलहाल दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर से विधायक हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ यदि संभव हुआ तो मैं भवानीपुर और नंदीग्राम दोनों जगहों से चुनाव लडूंगी। यदि मैं भवानीपुर से चुनाव नहीं लड़ पायी तो कोई और वहां से चुनाव लड़ेगा।’’

उन्होंने कहा कि वह ‘कुछ लोगों ’ को बंगाल को भाजपा के हाथों नहीं बेचने देंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘जो पार्टी से चले गये, उन्हें मेरी शुभकामनाएं हैं। उन्हें देश का राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति बनने दीजिए। लेकिन आप बंगाल को भाजपा के हाथों बेचने का दुस्साहस नहीं करें। जब तक मैं जिंदा हूं, मैं उन्हें अपने राज्य को भाजपा के हाथों नहीं बिकने दूंगी।’’

राज्य में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।

भाषा

राजकुमार नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)