ममता ने कब्रिस्तान जाने से रोकने के लिए उमर अब्दुल्ला, अन्य मंत्रियों को नजरबंद करने की निंदा की

ममता ने कब्रिस्तान जाने से रोकने के लिए उमर अब्दुल्ला, अन्य मंत्रियों को नजरबंद करने की निंदा की

ममता ने कब्रिस्तान जाने से रोकने के लिए उमर अब्दुल्ला, अन्य मंत्रियों को नजरबंद करने की निंदा की
Modified Date: July 14, 2025 / 05:29 pm IST
Published Date: July 14, 2025 5:29 pm IST

कोलकाता, 14 जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 1931 में डोगरा बलों द्वारा मारे गए लोगों के कब्रिस्तान में जाने से रोकने के लिए जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके मंत्रियों को नजरबंद करने की आलोचना की।

उन्होंने इसे ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताया और कहा कि यह किसी नागरिक के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनने जैसा है।

बनर्जी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘शहीदों के कब्रिस्तान में जाने में क्या गलत है? यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि एक नागरिक के लोकतांत्रिक अधिकार को भी छीनता है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचित मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ जो हुआ वह अस्वीकार्य है। चौंकाने वाला और शर्मनाक।’’

अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस तथा विपक्षी दलों के कई नेताओं को रविवार को नजरबंद कर दिया गया था ताकि उन्हें ‘शहीद दिवस’ मनाने के लिए श्रीनगर के नक्शबंद साहिब कब्रिस्तान जाने से रोका जा सके।

वर्ष 1931 में श्रीनगर केंद्रीय कारागार के बाहर डोगरा सेना द्वारा मारे गए 22 लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए जम्मू कश्मीर में 13 जुलाई को ‘शहीद दिवस’ मनाया जाता है। उपराज्यपाल प्रशासन ने 2020 में इस दिन को राजपत्रित छुट्टियों की सूची से हटा दिया था।

भाषा

शुभम नेत्रपाल

नेत्रपाल


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