धर्मस्थल मामले में झूठी गवाही देने के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति जेल से रिहा

धर्मस्थल मामले में झूठी गवाही देने के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति जेल से रिहा

धर्मस्थल मामले में झूठी गवाही देने के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति जेल से रिहा
Modified Date: December 18, 2025 / 05:44 pm IST
Published Date: December 18, 2025 5:44 pm IST

शिवमोग्गा (कर्नाटक), 18 दिसंबर (भाषा) धर्मस्थल मामले में झूठी गवाही देने के आरोप में गिरफ्तार किए गए सी एन चिन्नैया को बृहस्पतिवार को अदालत द्वारा निर्धारित शर्तें पूरी करने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि चिन्नैया शिवमोग्गा जिला कारागार में बंद था।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, अदालत के आदेशानुसार चिन्नैया के परिवार द्वारा एक लाख रुपये का बांड जमा करने के बाद उसे जमानत मिल गई। मंगलवार को आवश्यक दस्तावेज जमा किए गए, जिसके बाद जेल अधिकारियों ने उसकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू की। चिन्नैया बृहस्पतिवार सुबह जेल से बाहर आ गया।

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सूत्रों ने बताया कि उसकी पत्नी मल्लिका, बहन रत्ना और कानूनी सलाहकार औपचारिकताओं को पूरा करने और उसे घर ले जाने के लिए जेल में मौजूद थे। बेल्थंगडी की अदालत ने 24 नवंबर को चिन्नैया को जमानत दे दी।

कानूनी जानकारों का कहना है कि जमानत मिलने से जांच कमजोर नहीं होती। एक वरिष्ठ वकील ने कहा, ‘जमानत एक प्रक्रियात्मक सुरक्षा कवच है और इससे उसका निर्दोष होना या अपराध साबित नहीं होता। आरोपी कुछ शर्तों से बंधा रहता है, जिनमें जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करना भी शामिल है।’

पुलिस अधिकारियों ने दोहराया कि धर्मस्थल से जुड़े मामलों की जांच जारी है।

उन्होंने कहा कि चिन्नैया को जब भी तलब किया जाएगा, जांचकर्ताओं के समक्ष उसे पेश होना होगा और जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

पिछले महीने, धर्मस्थल में बलात्कार, हत्या और शवों को दफनाने के कई आरोपों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बेल्थंगडी स्थित न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट न्यायालय में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 215 के तहत 3,900 पृष्ठों की एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें चिन्नैया सहित छह व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है। यह धारा अन्य अपराधों के अलावा सार्वजनिक न्याय के विरुद्ध अपराधों के अभियोजन की प्रक्रिया को रेखांकित करती है।

चिन्नैया ने शुरू में दावा किया था कि 1995 से 2014 के बीच धर्मस्थल में दर्जनों महिलाओं और नाबालिगों के शव, जिनमें से कुछ पर यौन उत्पीड़न के निशान थे, गुपचुप तरीके से दफनाए गए थे। हालांकि, एसआईटी को उसके बयानों और सबूतों में बड़ी विसंगतियां मिलीं।

भाषा

राखी नरेश

नरेश


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