मंगलुरु विमान दुर्घटना में जीवित बचे व्यक्ति ने 15 वर्ष बाद भयावह किस्से को याद किया

मंगलुरु विमान दुर्घटना में जीवित बचे व्यक्ति ने 15 वर्ष बाद भयावह किस्से को याद किया

मंगलुरु विमान दुर्घटना में जीवित बचे व्यक्ति ने 15 वर्ष बाद भयावह किस्से को याद किया
Modified Date: June 14, 2025 / 09:05 pm IST
Published Date: June 14, 2025 9:05 pm IST

मंगलुरु, 14 जून (भाषा) मंगलुरु हवाई अड्डे पर एअर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान संख्या आईएक्स 812 के दुर्घटनाग्रस्त होने के 15 वर्ष बाद हादसे में जीवित बचे के. प्रदीप आज भी उस दिन को शांत और गंभीरतापूर्वक याद करते हैं।

एअर इंडिया एक्सप्रेस का विमान 22 मई, 2010 को हवाई पट्टी से आगे निकल गया था और दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

हादसे में 158 लोगों की मौत हो गयी थी।

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अब शहर में एक ठेकेदार के रूप में काम कर रहे प्रदीप हर वर्ष 22 मई को कुलूर में दुर्घटना स्मारक पर जाते हैं, पट्टिका पर फूल चढ़ाते हैं, हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के लिए मौन रखते हैं और प्रार्थना करते हैं।

प्रदीप ने बोइंग 737 विमान के न रुकने और खाई में गिरने के उस भयावह क्षण को याद करते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “यह मेरे माता-पिता द्वारा किए गए दान और उनके आशीर्वाद का परिणाम था, जिसने मुझे बचाया।”

प्रदीप हादसे में बाल-बाल बचने के लिए ईश्वर को धन्यवाद देने के लिए मंदिरों में भी जाते हैं।

दुर्घटना में जीवित बचे एक अन्य व्यक्ति उस्मान फारूक का भी मानना ​​है कि उसका बचना अल्लाह की मदद से हुआ था।

फारूक, अब एक एम्बुलेंस सेवा के साथ काम करता है। फारूक को याद है कि कैसे विमान का वह हिस्सा, जहां वह बैठे थे, ठीक उसी समय टूट गया जब विमान खाई में गिरा जिससे वह बाल-बाल बच गये।

फारूक ने कहा कि वह अपने जीवन के लिए अल्लाह के कर्जदार हैं और आपात सेवाओं में अपने काम को बदले में कुछ देने के तरीके के रूप में देखता है।

दुर्घटना की जांच करने वाले नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मुख्य रूप से मानवीय भूल को इसका कारण बताया था और जांच में पाया गया कि विमान 8,000 फुट लंबे रनवे पर लगभग 5,200 फुट की दूरी पर नीचे उतरा था, जिससे विमान को रुकने के लिए पर्याप्त दूरी नहीं मिली।

सह-पायलट की बार-बार चेतावनी और ‘एन्हांस्ड ग्राउंड प्रॉक्सिमिटी वार्निंग सिस्टम’ (ईजीपीडब्ल्यूएस) के सतर्क किये जाने के बावजूद कैप्टन ने अनुचित तरीके से उड़ान जारी रखी।

जांचकर्ताओं ने यह भी खुलासा किया कि विमान का कमांडर उड़ान के एक हिस्से के दौरान सो रहा था।

भाषा जितेंद्र रंजन

रंजन


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