मेघालय के सांसद ने वैज्ञानिक पद्धति से कोयला खनन शीघ्र शुरू करने की मांग की

मेघालय के सांसद ने वैज्ञानिक पद्धति से कोयला खनन शीघ्र शुरू करने की मांग की

मेघालय के सांसद ने वैज्ञानिक पद्धति से कोयला खनन शीघ्र शुरू करने की मांग की
Modified Date: December 18, 2025 / 01:05 pm IST
Published Date: December 18, 2025 1:05 pm IST

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा मेघालय में कोयला खनन पर लगाए गए प्रतिबंध के प्रभाव पर चिंता जताते हुए राज्यसभा में एनपीपी के सदस्य डॉ. वानविरॉय खारलुखी ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार से राज्य में वैज्ञानिक पद्धति से खनन की अनुमति की प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया और चेतावनी दी कि इस प्रतिबंध से पूर्व कोयला-खनन क्षेत्रों में नशीले पदार्थों की तस्करी को पनपने का मौका मिला है।

शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी के खारलुखी ने कहा कि 2014 में लगाया गया यह प्रतिबंध कोयले पर निर्भर हजारों परिवारों की आजीविका पर गंभीर चोट है।

उन्होंने कहा “कोयला राज्य में हजारों परिवारों की जरूरतों को पूरा करता है। आजीविका कमाने का अधिकार हर नागरिक का मौलिक अधिकार है और मुझे लगता है कि मेरे लोगों को इस अधिकार से वंचित किया गया है।”

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डॉ़ खारलुखी ने कहा कि इस प्रतिबंध से राज्य की स्वायत्त जिला परिषदें पंगु हो गई हैं, जो राजस्व के प्रमुख स्रोत के रूप में कोयले पर निर्भर थीं।

उन्होंने कहा, “जिला परिषद के कर्मचारियों को कई-कई महीनों तक वेतन नहीं मिला।” साथ ही उन्होंने पूर्वोत्तर में जिला परिषदों को मजबूत करने के लिए संविधान की छठी अनुसूची में संशोधन की असम के सांसदों की मांग का समर्थन किया।

डॉ. खारलुखी ने बताया कि राज्य सरकार कोयले पर अधिभार (सेस कर) के जरिए सालाना 600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एकत्र करती थी, जिसका उपयोग शिक्षा को बढ़ावा देने में किया जाता था।

उन्होंने कहा, “प्रतिबंध लगने के बाद यह संग्रह ‘शून्य’ हो गया। नतीजा यह हुआ कि 2014 के बाद पहले चार-पांच वर्षों तक शिक्षकों को अपने वेतन की मांग को लेकर सड़कों पर उतरना पड़ा।”

वैज्ञानिक तरीकों से कोयला खनन फिर से शुरू करने की अनुमति देने के सरकार के फैसले के लिए आभार जताते हुए डॉ़ खारलुखी ने एक चिंताजनक रुझान की ओर भी ध्यान दिलाया।

उन्होंने कहा, “खतरनाक बात यह है कि हाल के दिनों में मेरे राज्य में नशीले पदार्थों की तस्करी बढ़ती दिख रही है, खासकर कोयला ब्लॉक क्षेत्रों में, जहां कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा कुछ गिरफ्तारियां की गई हैं।”

उन्होंने सरकार से इस मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह किया ताकि मेघालय को “क्षेत्र में नशीले पदार्थों की तस्करी का गलियारा” बनने से रोका जा सके।

भाषा

मनीषा माधव

माधव


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