निर्माण के दौरान सुरंग धंसने की छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती है: एनएचआईडीसीएल अधिकारी
निर्माण के दौरान सुरंग धंसने की छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती है: एनएचआईडीसीएल अधिकारी
नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सकुशल बचाए जाने के कुछ दिनों बाद एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि निर्माण के दौरान सुरंगों के धंसने की छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं जिन्हें निर्माण कार्य के दौरान ही ठीक कर लिया जाता है।
सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से उसमें फंसे 41 श्रमिकों को बचाव दल ने मंगलवार को बाहर निकाल लिया था। ये श्रमिक निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के प्रवेश द्वार से 200 मीटर अंदर फंसे थे।
बचाव अभियान में कई एजेंसियां शामिल हुईं और यह अभियान लगभग 17 दिनों तक आशा और निराशा के बीच जारी रहा। उत्तराखंड में साढ़े चार किलोमीटर लंबी सिलक्यारा सुरंग परियोजना का उद्देश्य उत्तराखंड के चार प्रमुख तीर्थस्थलों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को हर मौसम में ‘कनेक्टिविटी’ प्रदान करना है।
राष्ट्रीय राजमार्ग एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के निदेशक (प्रशासन और वित्त) अंशु मनीष खलखो ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जब भी कोई सुरंग बनाई जाती है, तो उसके हिस्से के ढहने की छोटी-मोटी घटना सामान्य बात है। जब भी ऐसा होता है, तो हम इसे ठीक करते रहते हैं।’’
एनएचआईडीसीएल हैदराबाद स्थित नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के माध्यम से सुरंग का निर्माण कर रही है।
सुरंग में ‘निकलने के मार्ग’(एस्केप पास) की अनुपस्थिति से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए खलखो ने कहा, ‘‘मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, एक बार मुख्य सुरंग का निर्माण पूरा हो जाने के बाद ही ‘निकलने के मार्ग’ का काम शुरू किया जाता है।’’
सिलक्यारा सुरंग एक एकल ट्यूब सुरंग है और इसे एक दीवार द्वारा दो परस्पर जुड़े गलियारों में विभाजित किया गया है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रत्येक गलियारा दूसरे गलियारे के लिए ‘निकलने के मार्ग’ के रूप में काम कर सकता है।
उन्होंने कहा कि ‘निकलने के मार्ग’ का निर्माण सुरंग बनने के बाद का चरण है।
जोजिला सुरंग परियोजना के प्रमुख हरपाल सिंह ने पहले कहा था कि सिलक्यारा सुरंग के ढहने के कई संभावित कारण हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह खराब भूवैज्ञानिक जांच, अनुपयुक्त डिजाइन वाली ग्राउंड सपोर्ट प्रणालियों, निर्माण के दौरान की गलतियों, डेटा की खराब निगरानी और खराब पर्यवेक्षण के कारण हो सकता है।’’
भाषा संतोष अविनाश
अविनाश

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