कांग्रेस के 70 वर्षों तक लोकतंत्र को मजबूत करने के कारण ही मोदी प्रधानमंत्री बन सके: खरगे

कांग्रेस के 70 वर्षों तक लोकतंत्र को मजबूत करने के कारण ही मोदी प्रधानमंत्री बन सके: खरगे

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  • Publish Date - January 5, 2023 / 08:59 PM IST,
    Updated On - January 5, 2023 / 08:59 PM IST

बांका (बिहार), पांच जनवरी (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बृहस्पतिवार को बिहार के बांका जिले में राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ से प्रेरित एक पदयात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह पदयात्रा 1,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी।

इस दौरान खरगे ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वह ‘युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में नाकाम रही है’ और ‘सांप्रदायिक आरोप-प्रत्यारोप वाले बयानों’ से लोगों का ध्यान भटका रही है। खरगे ने कहा, ‘‘अक्सर यह आरोप लगाया जाता है कि आजादी के बाद 70 साल तक देश पर राज करने के बाद भी कांग्रेस ने कुछ हासिल नहीं किया। यह कांग्रेस ही थी, जिसने लोकतंत्र को मजबूत किया, जिसके चलते सामान्य पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने के बावजूद नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना संभव हुआ। मेरे जैसा एक गरीब आदमी का बेटा आज कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व कर रहा है।’’

बिहार के एक बड़े हिस्से से गुजरने वाली इस यात्रा को राज्य की राजधानी से लगभग 250 किलोमीटर दूर मंदार की पहाड़ियों के निकट से शुरू किया गया, जिसका उल्लेख हिंदू पौराणिक कथाओं में मिलता है। कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से पहली बार बिहार के दौरे पर पहुंचे खरगे ने भाजपा के ‘‘राष्ट्रवाद’’ संबंधी दावे पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘यह कांग्रेस ही थी जिसने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और देश की आजादी के लिए संघर्ष किया। उस आंदोलन में उनकी (भाजपा) कोई भूमिका नहीं थी।’’

खरगे ने अपने भाषण में पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम और प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह जैसे बिहार के कांग्रेस के दिग्गजों को भी याद किया।

बुद्ध के ज्ञानोदय और महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह को रेखांकित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि देश में सभी बड़े परिवर्तन किसी न किसी तरह से बिहार से जुड़े हुए हैं।

इस मौके पर कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के अलावा कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।

राज्यव्यापी मार्च की शुरुआत के दिन प्रतिभागियों ने रात के पड़ाव से पहले साढ़े सात किलोमीटर की यात्रा तय की।

भाषा शफीक पवनेश

पवनेश