क्या रेलवे का प्राइवेटाइजेशन करने जा रही है मोदी सरकार? रेल मंत्री ने लोकसभा में दी ये अहम जानकारी

क्या रेलवे का प्राइवेटाइजेशन करने जा रही है मोदी सरकार? Modi government is going to privatize railways? Railway Minister said this

क्या रेलवे का प्राइवेटाइजेशन करने जा रही है मोदी सरकार? रेल मंत्री ने लोकसभा में दी ये अहम जानकारी

Indian Railways

Modified Date: November 29, 2022 / 08:12 pm IST
Published Date: March 16, 2022 9:30 pm IST

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने बुधवार को साफ कर दिया कि वो रेलवे का निजीकरण नहीं करने जा रही है। केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि फिलहाल सरकार की भारतीय रेलवे निजीकरण को लेकर कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विपक्ष की ओर से लगाए गए आरोप निराधार हैं। लोकसभा में 2022-23 के लिए रेल मंत्रालय (Rail Ministry) की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री ने ये भी कहा कि रेलवे ने हाल ही में भर्ती के संबंध में “गलतफहमी” को सहानुभूतिपूर्ण तरीके से हल किया है। अश्विनी वैष्णव ने कई मुद्दों के जवाब में कहा, भर्तियों पर कोई पाबंदी नहीं है, 1।14 लाख वेकेंसी के लिए भर्ती की प्रक्रिया चालू है।

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इसके बाद लोकसभा ने ध्वनिमत से रेलवे के लिए अनुदान की मांगों को मंजूरी दे दी। चर्चा के दौरान कई सांसदों ने सरकार पर रेलवे के निजीकरण करने का आरोप लगाया। “यह केवल एक काल्पनिक बिंदु है , ट्रैक रेलवे का है, स्टेशन रेलवे के हैं, इंजन रेलवे के हैं, ट्रेनें रेलवे की हैं, सिग्नलिंग सिस्टम रेलवे के हैं तो निजीकरण की कोई बात नहीं है। रेलवे के निजीकरण की कोई योजना नहीं है।”

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वैष्णव ने इस बात पर भी जोर दिया कि फ्रेट कॉरिडोर के निजीकरण की भी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा रेलवे सामाजिक दायित्वों को पूरा करना जारी रखेगा, यात्री किराए पर 60,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाती है।

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बुलेट ट्रेन को लेकर मंत्री ने दी ये जानकारी
मुंबई और अहमदाबाद के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन से संबंधित मुद्दों पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात खंड में भूमि अधिग्रहण का काम 99।7 प्रतिशत पूरा हो चुका है, और 750 पिलर्स का निर्माण किया गया है। बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम 8 किमी प्रति माह की दर से आगे बढ़ रहा है, जिसे बढ़ाकर 10 किमी प्रति माह किया जाएगा।

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तृणमूल कांग्रेस पर साधा निशाना
तृणमूल कांग्रेस की दलील पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, कौन कहता है कि बुलेट ट्रेन भारत की जमीन पर नहीं चल सकती। उन्होंने कहा, ‘यह शर्मनाक है कि ‘मां, माटी, मानुष’ की बात करने वालों को ‘मां, माटी, मानुष’ पर भरोसा नहीं है।।हमें अपने इंजीनियरों पर भरोसा रखना चाहिए। हम कब तक विदेशियों पर निर्भर रहेंगे?’


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।