सरकार के लिए जैव-आतंकवाद की रोकथाम के लिहाज से प्रभावी कानून बनाने का सबसे मुफीद समय :संसदीय समिति

सरकार के लिए जैव-आतंकवाद की रोकथाम के लिहाज से प्रभावी कानून बनाने का सबसे मुफीद समय :संसदीय समिति

सरकार के लिए जैव-आतंकवाद की रोकथाम के लिहाज से प्रभावी कानून बनाने का सबसे मुफीद समय :संसदीय समिति
Modified Date: November 29, 2022 / 07:47 pm IST
Published Date: November 22, 2020 1:16 pm IST

नयी दिल्ली, 22 नवंबर (भाषा) संसद की एक समिति ने इस बात पर जोर दिया है कि यह वक्त है जब सरकार को जैव-आतंकवाद से निपटने के लिए प्रभावी कानून बनाने चाहिए। समिति ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभावों ने हमें जैविक एजेंटों को नियंत्रित करने के महत्व का पाठ पढ़ाया है।

स्वास्थ्य पर संसदीय स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट ‘कोविड-19 महामारी का प्रकोप और उसका प्रबंधन’ में वैश्विक समुदाय को जैव-आतंकवाद का संकेत देने वाली किसी भी गतिविधि से बचाने के लिए जैव-सुरक्षा की जरूरत पर जोर दिया है।

संसदीय समिति के अध्यक्ष रामगोपाल यादव ने शनिवार को रिपोर्ट राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को सौंपी।

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समिति का ध्यान इस तथ्य की ओर गया है कि नोवेल कोरोना वायरस जैसे दुनिया की बड़ी आबादी को संक्रमित कर सकने वाले और महामारी का रूप लेने वाले विषाणुओं का इस्तेमाल शत्रु देशों के खिलाफ जैविक अस्त्र के रूप में किया जा सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसलिए जैव-सुरक्षा चिंता का महत्वपूर्ण विषय है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने कहा है कि जैविक हथियारों से जैव-सुरक्षा के लिए समग्र प्रयास जरूरी हैं जिनमें रोकथाम, संरक्षण और जैव हथियारों के विरुद्ध कार्रवाई शामिल है। इसमें एजेंसियों के साथ साझेदारी, चल रहीं अंतरराष्ट्रीय संधियों में सक्रिय भागीदारी और भारत में जैव-सुरक्षा तथा जैव-सुरक्षा मंचों को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया है।

समिति ने रिपोर्ट में कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभावों ने हमें जैविक एजेंटों को नियंत्रित करने के महत्व पर तथा विभिन्न देशों के बीच रणनीतिक साझेदारियों की जरूरत पर पाठ सिखाया है।’’

उसने कहा, ‘‘इसलिए समिति को लगता है कि यह समय सरकार के लिए जैव-आतंकवाद के मुकाबले के लिहाज से प्रभावी कानून बनाने के लिए सबसे मुफीद है।’’

भाषा वैभव पवनेश

पवनेश


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