मुस्लिम लीग ने सरदार पटेल पर दो घातक हमले कराये, कांग्रेस ने इसे 86 वर्षों तक छिपाये रखा: भाजपा

मुस्लिम लीग ने सरदार पटेल पर दो घातक हमले कराये, कांग्रेस ने इसे 86 वर्षों तक छिपाये रखा: भाजपा

मुस्लिम लीग ने सरदार पटेल पर दो घातक हमले कराये, कांग्रेस ने इसे 86 वर्षों तक छिपाये रखा: भाजपा
Modified Date: October 31, 2025 / 05:59 pm IST
Published Date: October 31, 2025 5:59 pm IST

नयी दिल्ली, 31 अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्षी दल कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए शुक्रवार को दावा किया कि मुस्लिम लीग ने 1939 में सरदार वल्लभभाई पटेल पर दो घातक हमले कराए थे, लेकिन कांग्रेस ने 86 साल तक इस प्रकरण को चुपचाप दबाए रखा, क्योंकि यह ‘‘सच्चाई असहज’’ करने वाली थी।

भाजपा ने अपने आधिकारिक हैंडल से ‘एक्स’ पर कई पोस्ट में कहा कि हमले की दो घटनाओं में से एक में 57 आरोपियों में से 34 को दोषी ठहराया गया और दो को विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई। इसने कहा कि इन घटनाओं में सरदार पटेल की रक्षा करते हुए दो ‘‘देशभक्त’’ शहीद हो गए थे, जबकि कई घायल हो गए थे लेकिन ‘‘कांग्रेसी इतिहासकारों’’ ने मामले को पाठ्यपुस्तकों और अभिलेखागार से मिटा दिया।

सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा, ‘‘किसी ने भी मुस्लिम लीग की भूमिका या कांग्रेस की कायरतापूर्ण चुप्पी का उल्लेख करने का साहस नहीं किया।’’

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भाजपा के आरोप पर कांग्रेस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

शुक्रवार को सरदार पटेल की 150वीं जयंती है।

भाजपा ने कहा, ‘‘1939 में मुस्लिम लीग ने सरदार वल्लभभाई पटेल पर दो घातक हमले कराए और कांग्रेस ने चुपचाप इस कहानी को दबा दिया।’’ भाजपा ने हमले की दो घटनाओं से संबंधित समाचार क्लिपिंग और अन्य दस्तावेज ‘एक्स’ पर पोस्ट किए।

इसने कहा, ‘‘कांग्रेस ने इसे 86 वर्षों तक क्यों छिपाए रखा, जब तक कि इतिहासकार रिजवान कादरी ने इसे उजागर नहीं कर दिया? क्योंकि सच्चाई असहज करने वाली होती है।’’

दोनों घटनाओं को याद करते हुए भाजपा ने दावा किया कि जब सरदार पटेल प्रजामंडल आंदोलन के माध्यम से रियासतों को एकजुट कर रहे थे, तब मुस्लिम लीग ने ‘‘तुष्टिकरण की राजनीति’’ से प्रेरित होकर धर्म के नाम पर हिंसा भड़काना शुरू कर दिया और कांग्रेस ने ‘‘टकराव के बजाय चुप्पी’’ को चुना।

इसने कहा, ‘‘वडोदरा में 20 जनवरी, 1939 को जैसे ही सरदार पटेल का जुलूस मांडवी से गुजरा तो मुस्लिम लीग समर्थित गुंडों ने ‘सरदार वापस जाओ’ के नारे लगाए और उनकी कार पर पथराव किया। प्रजामंडल कार्यालय में आग लगा दी गई – यह पटेल के बढ़ते प्रभाव को दबाने का सत्ता के इशारे पर एक प्रयास (स्टेट स्पॉन्सर्ड अटेम्प्ट) था। इस पर कांग्रेस मौन रही।’’

भाजपा ने कहा कि अगले दिन सरदार पटेल ने शांति और संयम बरतने का आग्रह किया।

इसने कहा, ‘‘लेकिन वडोदरा शासन ने एक फर्जी जांच करते हुए मामले को बंद कर दिया। यह तो बस शुरुआत थी। मुस्लिम लीग के ‘गुंडे’ भावनगर में पहले से कुछ और घातक साजिश रच रहे थे।’’

भाजपा ने दावा किया कि 14 मई 1939 को जब सरदार पटेल पांचवीं प्रजा परिषद का नेतृत्व करने पहुंचे तो मुस्लिम लीग से जुड़ी भीड़ (जिसे ‘‘कथित तौर पर’’ स्थानीय रियासतों का समर्थन प्राप्त था) ने नगीना मस्जिद से उनके शांतिपूर्ण जुलूस पर हमला कर दिया।

इसने कहा, ‘‘यह एक पूर्व नियोजित षड्यंत्र था। देशभक्त बच्चू वीरजी और जाधवजी मोदी, सरदार पटेल की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। कई घायल हुए। फिर भी पटेल ने उस शाम सभा को शांतिपूर्ण संकल्प के साथ संबोधित किया और शहीदों को श्रद्धांजलि दी।’’

भाजपा ने कहा कि इतनी हिंसा के बाद भी सरदार पटेल ने एकता का मार्ग कभी नहीं छोड़ा।

इसने कहा, ‘‘यह 1939 का सच्चा इतिहास है-जहां लौह पुरुष अडिग रहे जबकि राजनीतिक अवसरवादी विभाजनकारी ताकतों को खुश करने में लगे रहे। पटेल पर हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं था-यह भारत की एकता पर हमला था।’’

भाजपा ने आरोप लगाया गया कि 86 वर्षों तक इस सच्चाई को दबाये रख गया।

इसने कहा, ‘‘इतिहासकार रिजवान कादरी ने इसे उजागर किया – यह याद दिलाता है कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी सरदार पटेल ने न केवल अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी, बल्कि आंतरिक विश्वासघात से भी लड़ाई लड़ी।’’

पार्टी ने कहा, ‘‘आइये हम सच्चे लौह पुरुष को याद करें – वह व्यक्ति जिसने पत्थरों, चाकुओं और षड्यंत्रों का सामना किया, लेकिन भारत की एकता से कभी कोई समझौता नहीं किया।’’

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव


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