CAA Se Chin Jayengi Nagrikta: CAA होने से छीन जाएगी नागरिकता? खुद अमित शाह ने मीडिया के सामने किया खुलासा
CAA Se Chin Jayengi Nagrikta: CAA होने से छीन जाएगी नागरिकता? खुद अमित शाह ने मीडिया के सामने किया खुलासा
Criminal law bill passed in Rajya Sabha
नई दिल्ली: CAA Se Chin Jayengi Nagrikta आगामी दिनों में देशभर में लोकसभा चुनाव होना है, लेकिन इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने ऐसा ऐलान कर दिया की खलबली मच गई है। जी हां अमित शाह ने देशभर में चुनाव से पहले ही नागरिकता संसोधन अधिनियम (CAA) लागू करने का ऐलान कर दिया है। बता दें कि अब से कुछ ही दिनों बाद लोकसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग कभी घोषणा कर सकती है।
नहीं जाएगी किसी की नागरिकता
CAA Se Chin Jayengi Nagrikta दरअसल देश की नामी मीडिया संस्थान के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम लोगसभा चुनाव से पहले सीएए लागू कर देंगे। उन्होंने आगे कहा कि मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सीएए किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनेगा। इसका उद्देश्य केवल धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना है। यह वादा मूल रूप से कांग्रेस ने ही उनसे किया था। उन्होंने कहा कि हमारे मुस्लिम भाइयों को सीएए को लेकर गुमराह किया जा रहा है और भड़काया जा रहा है। सीएए केवल पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही सीएए कानून सदन के पटल पर पेश किया था और इसे दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई थी। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद साल 2018 में ही नागरिकता देने वाला यह कानून पास हो गया था, लेकिन सीएए को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। शाहीन बाग में लंबे समय तक महिलाएं सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करतीं रहीं।
क्या बदलेगा CAA लागू होने के बाद
इस कानून के मुताबिक तीन पड़ोसी देशों, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी। जो लोग 2014 तक किसी प्रताड़ना के चलते भारत आए हैं उनको नागरिकता मिलेगी। इसमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शामिल होंगे। बता दें कि यह विधेयक 2016 में ही लोकसभा में पास हो गया था लेकिन राज्यसभा में पास नहीं हो पाया था। इसके बाद इसे 2019 में फिर से पेश किया गया। 10 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दी थी। उसके बाद दो साल कोरोना का ही प्रकोप रहा। इस कानून के तहत 9 राज्यों के 30 से ज्यादा डीएम को भी विशेष अधिकारक दिए जाएंगे।

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