मेरे बच्चों को ‘आतंकवादी का बच्चा’ कहा जा रहा: मादक पदार्थ तस्करी के आरोपी ने न्यायालय से कहा |

मेरे बच्चों को ‘आतंकवादी का बच्चा’ कहा जा रहा: मादक पदार्थ तस्करी के आरोपी ने न्यायालय से कहा

मेरे बच्चों को ‘आतंकवादी का बच्चा’ कहा जा रहा: मादक पदार्थ तस्करी के आरोपी ने न्यायालय से कहा

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Modified Date: April 24, 2025 / 07:56 PM IST
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Published Date: April 24, 2025 7:56 pm IST

नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर 21,000 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ की बरामदगी से जुड़े मामले में गिरफ्तार एक आरोपी ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने अपराध से अर्जित धन का लश्कर-ए-तैयबा की आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाया है, जिसके बाद स्कूल में उसके बच्चों को परेशान किया जा रहा है और उन्हें “आतंकवादी का बच्चा” कहकर पुकारा जा रहा है।

आरोपी हरप्रीत सिंह तलवार उर्फ कबीर तलवार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ए. सुंदरम ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ से कहा कि बुधवार को उनके मुवक्किल की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान एनआईए की पैरवी कर रहीं विधि अधिकारी ने भारत में पहलगाम सहित अन्य जगहों पर हुए आतंकवादी हमलों का जिक्र किया और आरोप लगाया कि इनमें मादक पदार्थ की बिक्री से अर्जित कथित धन का इस्तेमाल किया गया।

सुंदरम ने तलवार के हवाले से कहा, “मेरे बच्चों को स्कूल में परेशान किया जा रहा है। उन्हें आतंकवादी का बच्चा कहा जा रहा है, जिसके कारण उन्हें वापस घर लाना पड़ा। (एनआईए की) यह दलील आज के अखबारों और मीडिया में छाई रही। एनआईए ने एनडीपीएस (स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ) अधिनियम से जुड़े मामले में बिना किसी आधार के यह टिप्पणी की।”

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने सुंदरम को शांत करने की कोशिश की और कहा, “किसी भी व्यक्ति के परिवार के किसी भी सदस्य को, चाहे उसने कोई गलत काम किया हो या न किया हो, परेशान नहीं किया जाना चाहिए।”

उन्होंने एक अन्य मामले में बहस के लिए अदालत में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, “इस बात का ख्याल रखें। हम और कुछ नहीं कहना चाहते। आप अच्छी तरह जानते हैं कि क्या करना है।”

सुंदरम ने कहा कि यह रिपोर्ट ज्यादातर अखबारों में प्रकाशित की गई है और उनके मुवक्किल के बच्चों को धमकी भरे फोन आ रहे हैं, क्योंकि मादक पदार्थ की बरामदगी से जुड़े मामले को पहलगाम आतंकवादी हमले से जोड़ा गया है।

मेहता ने कहा, “हमारी जांच में सामने आया है कि बिक्री से अर्जित धनराशि आतंकवादी गतिविधियों के संचालन के लिए लश्कर-ए-तैयबा को पहुंचाई गई और यही बात अखबारों में भी छापी गई है।”

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने सुंदरम को इस तरह की खबरें न पढ़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “इन्हें पढ़िए ही मत। भूल जाइए। मैं खुद इस तरह की खबरों से दूर रहता हूं। मैं असंगत चीजों से प्रभावित नहीं होता।”

सुंदरम ने पीठ से स्थिति साफ करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले का एनडीपीएस से जुड़े इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।

सुंदरम ने दलील दी, “यह सब अदालत में कही गई बातों के कारण हुआ। यह एनआईए का मामला है और एजेंसी ने इसकी पूरी तरह से जांच भी नहीं की है। सभी को पता होना चाहिए कि टिप्पणियां निर्दोष लोगों को कैसे प्रभावित कर सकती हैं।”

मेहता ने कहा कि अगर विधि अधिकारी की टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची है, तो वह इसके लिए माफी मांगेंगी।

इसके बाद न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, “यह विचारणीय मुद्दा नहीं है, इसलिए इसे अनावश्यक रूप से न खींचा जाए। कभी-कभी वकील अपने मामलों पर बहस करते समय भावनाओं में बह जाते हैं। यह दोनों पक्षों के साथ होता है।”

सुंदरम ने दोहराया कि विधि अधिकारी (अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी) ने बिना किसी साक्ष्य के बेबुनियाद दावा किया था।

इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि भाटी ने केवल इसी आधार पर तलवार की जमानत का विरोध नहीं किया था।

न्यायालय में मौजूद भाटी ने कहा कि अदालत में दी गई दलीलों के कारण बच्चों को परेशानी नहीं होनी चाहिए और अगर ऐसा हुआ है, तो कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​इसका ध्यान रख सकती हैं।

एनआईए ने बुधवार को तलवार की जमानत अर्जी का विरोध किया था और कहा था कि मादक पदार्थ की बिक्री से प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा की आतंकवादी गतिविधियों के वित्त पोषण के लिए किया गया था।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने तलवार की जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

तलवार दिल्ली में कई लोकप्रिय क्लब का संचालन करता था। उसे अगस्त 2022 में मुंद्रा बंदरगाह पर 21,000 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ की बरामदगी से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसे भारत में मादक पदार्थों की सबसे बड़ी बरामदगी बताया जाता है।

भाटी ने कहा था, “ये लोग संगठन के मुखौटा कमांडर होते हैं, लेकिन इनके हाथ आतंकवादी हमलों में जान गंवाने वाले निर्दोष लोगों के खून से भी रंगे होते हैं।”

गुजरात में 12 सितंबर 2021 को अफगानिस्तान से ईरान के रास्ते मुंद्रा बंदरगाह पर कुछ कंटेनर पहुंचे थे, जिनमें ‘अर्ध-प्रसंस्कृत टैल्क स्टोन’ से भरे बैग रखे हुए थे।

राजस्व खुफिया निदेशालय ने खुफिया जानकारी के आधार पर 13 सितंबर 2021 को कंटेनर की जांच की और कुछ बैग में हेरोइन पाई। आगे की जांच में कंटेनर से 21,000 करोड़ रुपये कीमत की कुल 2988.21 किलोग्राम हेरोइन बरामद हुई।

भाषा पारुल प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)