नेशनल हेराल्ड मामला: गांधी परिवार के खिलाफ ईडी के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से अदालत का इनकार

नेशनल हेराल्ड मामला: गांधी परिवार के खिलाफ ईडी के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से अदालत का इनकार

नेशनल हेराल्ड मामला: गांधी परिवार के खिलाफ ईडी के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से अदालत का इनकार
Modified Date: December 16, 2025 / 11:58 am IST
Published Date: December 16, 2025 11:58 am IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पांच अन्य के खिलाफ धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया।

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि वह अदालत के आदेश के खिलाफ अपील दायर करेगा।

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि इस मामले में दाखिल आरोपपत्र एक निजी व्यक्ति की शिकायत पर की गई जांच पर आधारित है, न कि किसी मूल अपराध से संबंधित प्राथमिकी पर। उन्होंने कहा कि कानून के तहत इस पर संज्ञान लेना स्वीकार्य नहीं है।

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आदेश के मुख्य हिस्से को पढ़ते हुए न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा पहले ही प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है इसलिए ऐसे में गुण-दोष के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय के तर्कों पर विचार करना अभी जल्दबाजी होगी।

प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी, दिवंगत पार्टी नेताओं मोतीलाल वोरा एवं ऑस्कर फर्नांडिस के अलावा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ पर आपराधिक साजिश और धनशोधन का आरोप लगाया है।

आरोप है कि उन्होंने ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) की लगभग 2,000 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों का अधिग्रहण किया। यह कंपनी ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार का प्रकाशन करती है।

जांच एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया है कि गांधी परिवार की ‘यंग इंडियन’ में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जिसने 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले कथित तौर पर धोखाधड़ी से एजेएल की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया।

भाषा सिम्मी शोभना

शोभना


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