राष्ट्रीय खेल नीति में व्यापक बदलावों की परिकल्पना, वैश्विक खेल महाशक्ति बनेगा भारत: मुर्मू

राष्ट्रीय खेल नीति में व्यापक बदलावों की परिकल्पना, वैश्विक खेल महाशक्ति बनेगा भारत: मुर्मू

राष्ट्रीय खेल नीति में व्यापक बदलावों की परिकल्पना, वैश्विक खेल महाशक्ति बनेगा भारत: मुर्मू
Modified Date: August 14, 2025 / 07:43 pm IST
Published Date: August 14, 2025 7:43 pm IST

नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय खेल नीति 2025 के तहत जिन बदलावों की परिकल्पना की जा रही है उनके बल पर भारत एक वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में उभरेगा।

उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर देश के नाम अपने संबोधन में इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया कि विश्व शतरंज चैंपियनशिप के लिए ‘फिडे महिला विश्व कप’ फाइनल मैच में भारत की दो खिलाड़ी दिव्या देशमुख (विजेता) और कोनेरू हम्पी (उप विजेता) आमने-सामने थीं।

उन्होंने उल्लेख किया कि देश के युवा, खेल-जगत में अपनी पहचान बना रहे हैं।

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राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए, शतरंज में अब भारत के युवाओं का जैसा वर्चस्व है वैसा पहले कभी नहीं था। राष्ट्रीय खेल नीति 2025 में निहित दृष्टिकोण के अनुरूप, हम ऐसे आमूल बदलावों की परिकल्पना कर रहे हैं जिनके बल पर, भारत एक वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में उभरेगा।’’

मुर्मू् ने कहा, ‘‘हमारी बेटियां हमारा गौरव हैं। वे प्रतिरक्षा और सुरक्षा सहित हर क्षेत्र में अवरोधों को पार करके आगे बढ़ रही हैं। खेल-कूद को उत्कृष्टता, सशक्तीकरण और क्षमताओं का महत्वपूर्ण संकेतक माना जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विश्व शतरंज चैंपियनशिप के लिए ‘फिडे महिला विश्व कप’ का फाइनल मैच, 19 वर्ष की भारत की एक बेटी और 38 वर्ष की एक भारतीय महिला के बीच खेला गया। यह उपलब्धि, पीढ़ी-दर-पीढ़ी, हमारी महिलाओं में विद्यमान, विश्व-स्तर की सतत उत्कृष्टता को रेखांकित करती है।’’

राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि रोजगार में भी लैंगिक असमानता कम हो रही है तथा ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ से, महिला सशक्तीकरण, अब केवल एक नारा न रहकर, यथार्थ बन गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे युवाओं को अपने सपनों को साकार करने के लिए अनुकूल परिस्थितियां मिल गई हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से दूरगामी बदलाव किए गए हैं। शिक्षा को जीवन-मूल्यों से तथा कौशल को परंपरा के साथ जोड़ा गया है।’’

उन्होंने कहा कि युवा प्रतिभाओं की ऊर्जा से शक्ति प्राप्त करके, हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि शुभांशु शुक्ला की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा ने एक पूरी पीढ़ी को ऊंचे सपने देखने की प्रेरणा दी है। यह अंतरिक्ष यात्रा भारत के आगामी मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम ‘गगनयान’ के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होगी।’’

भाषा हक

हक अविनाश

अविनाश


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