यूजीसी-नेट रद्द होने के बाद नीट विवाद और बढ़ा; छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन, |

यूजीसी-नेट रद्द होने के बाद नीट विवाद और बढ़ा; छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन,

यूजीसी-नेट रद्द होने के बाद नीट विवाद और बढ़ा; छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन,

:   Modified Date:  June 20, 2024 / 09:47 PM IST, Published Date : June 20, 2024/9:47 pm IST

नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) में कथित अनियमितताओं के खिलाफ बृहस्पतिवार को विरोध प्रदर्शन और तेज हो गया। कई छात्र समूहों ने विरोध प्रदर्शन किया और विपक्ष ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पेपर लीक होना व्यापमं घोटाले का विस्तार है और इन परीक्षाओं में बैठने वाले उम्मीदवारों का भविष्य बर्बाद हो रहा है।

नीट पर बढ़ते विवाद के बीच यूजीसी-नेट को रद्द करने से राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की बड़े पैमाने पर इम्तिहान आयोजित करने की क्षमता पर सवाल उठने लगे हैं।

शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह पटना में नीट परीक्षा के आयोजन में कथित अनियमितताओं पर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई करेगा।

मंत्रालय ने इस मुद्दे पर आगे चर्चा करने के लिए एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह को भी तलब किया।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा की शुचिता से समझौता होने की सूचना मिलने के बाद बुधवार देर रात विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) को रद्द करने का आदेश दिया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता कर नीट में कथित अनियमितताओं और यूजीसी-नेट रद्द करने को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मनोवैज्ञानिक रूप से टूट चुके हैं और सरकार चलाने के लिए संघर्ष करेंगे।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि शिक्षण संस्थाओं पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके मातृत्व संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े लोगों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि जब तक इस स्थिति को बदला नहीं जाएगा तब तक पेपर लीक होना बंद नहीं होंगे।

उन्होंने कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी रूस-यूक्रेन, इज़राइल-गाज़ा युद्ध रोक देते हैं, लेकिन पेपर लीक को रोक नहीं पा रहे या फिर इसे रोकना नहीं चाहते हैं।

गांधी ने दावा किया कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान हजारों लोगों ने पेपर लीक की शिकायत की थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में हुए ‘व्यापमं’ घोटाले को पूरे देश में फैलाने की कोशिश की जा रही है।

गांधी ने कहा, ‘कोई भी काम मनमाने तरीके से नहीं किया जाना चाहिए, जो नियम एक पेपर पर लागू होते हैं, वही दूसरे पर भी लागू होने चाहिए।’

यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) में अनियमितताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे विभिन्न विश्वविद्यालयों के दो दर्जन से अधिक विद्यार्थियों और विभिन्न छात्र संगठनों के सदस्यों को हिरासत में लिया गया।

छात्रों को शिक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के यहां स्थित आवास के बाहर से हिरासत में लिया गया।

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दावा किया कि नीट ‘पेपर लीक’ मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी का संबंध राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव से जुड़े अधिकारियों से है और उन्होंने इसकी जांच की मांग की।

केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने केंद्र से एनटीए में संकट को हल करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह करते हुए कहा कि नीट और यूजीसी-नेट जैसी परीक्षाएं आयोजित करने में एजेंसी की ‘बार-बार की अक्षमता’ स्वीकार्य नहीं है।

तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने कहा कि देश में परीक्षा प्रक्रिया चरमरा गई है और छात्रों का जीवन बर्बाद हो रहा है। उन्होंने एनटीए पर इसमें मिलीभगत का आरोप लगाया।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने कहा कि नीट परीक्षा भी रद्द कर दी जानी चाहिए।

वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने एनटीए को खत्म करने और केंद्रीय शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग की।

येचुरी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘हम अपने छात्रों – भारत के भविष्य – के साथ एकजुटता रखते हैं, जो (नरेन्द्र) मोदी के नेतृत्व वाली ‘एनडी गठबंधन’ (राजग) सरकार द्वारा अपने शैक्षणिक मानकों को नष्ट होने से बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।’

उन्होंने यह भी कहा कि हाल में नेट और नीट परीक्षा देने वाले छात्रों को केंद्र सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाना चाहिए और पीएचडी प्रवेश के लिए अनिवार्य नेट अंक की हाल में अपनाई गई प्रणाली को वापस लिया जाना चाहिए।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने भी एनटीए को खत्म करने की मांग की।

राजा ने कहा, ‘उन्होंने संघीय व्यवस्था विरोधी, गरीब विरोधी नीट लागू किया और हमारे देश की चिकित्सा शिक्षा प्रणाली को खतरे में डाल दिया, जिससे वंचित वर्ग गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा से वंचित हो गया। पेपर लीक होने के कारण यूजीसी-नेट को रद्द करने से परीक्षा आयोजित करने में एनटीए की अक्षमता फिर से उजागर हो गई।’

भाषा नोमान रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)