कोलकाता, सात फरवरी (भाषा) नेताजी शोध ब्यूरो के अध्यक्ष सुगाता बोस ने विक्टोरिया मेमोरियल के अधिकारियों को एक पत्र लिखकर दावा किया है कि स्वतंत्रता सेनानी की 125वीं जयंती के अवसर पर संग्रहालय में चल रही प्रदर्शनी में एक स्मृति चिह्न फर्जी है।
विक्टोरिया मेमोरियल के क्यूरेटर जयंत सेनगुप्ता को लिखे पत्र में नेताजी के प्रपौत्र ने कहा कि संग्रहालय के अधिकारियों ने इंडियन सिविल सर्विस से नेताजी के त्यागपत्र की प्रति कभी नहीं मांगी थी और वहां जो प्रति प्रदर्शनी में रखी हुई है, वह फर्जी है।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और डॉ. शिशिर बोस के पुत्र ने कहा कि आईसीएस से नेताजी के त्यागपत्र की वास्तविक फोटोकॉपी करीब 50 वर्षों से ब्यूरो के पास पड़ी हुयी है।
उन्होंने संग्रहालय के अधिकारियों से ‘‘फर्जी प्रति को तुरंत हटाने’’ की अपील की और कहा कि ‘‘इस फर्जी सामग्री के नीचे स्रोत के तौर पर नेताजी शोध ब्यूरो लिखा हुआ है जो और भी स्तब्धकारी है।’’
बोस ने पत्र में लिखा है, ‘‘आपने हमसे कभी भी नेताजी के त्यागपत्र या अन्य सामग्री की मांग नहीं की और हमने सीधे आपको कुछ नहीं भेजा। शिशिर कुमार बोस और कृष्णा बोस ने नेताजी द्वारा लिखा हुआ मूल पत्र सितंबर 1971 में इंडिया ऑफिस ऑफ रिकॉडर्स ऑफ लंदन से हासिल किया।’’
उन्होंने कहा कि इस फर्जी सामग्री की भी जांच करनी चाहिए कि किसने इसे पेश किया है क्योंकि यह शर्मनाक है कि फर्जी सामग्री प्रदर्शनी के लिए रखी गई जिसका उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री ने किया।
भाषा नीरज नरेश
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