NFHS Survey: पतियों की पिटाई को जायज मानती हैं 80 फीसदी महिलाएं, सामने आ रहे चौकाने वाले नतीजे

देश की महिलाएं आज भी अपने ऊपर होने वाले अत्याचार को सहने की आदी हो चुकी हैं। देश की बड़ी संख्या में महिलाएं घरेलू हिंसा या पतियों के अत्याचार को नियति मानते हुए इसे सहज ढंग से लेने लगी हैं।

NFHS Survey: पतियों की पिटाई को जायज मानती हैं 80 फीसदी महिलाएं, सामने आ रहे चौकाने वाले नतीजे
Modified Date: November 29, 2022 / 07:47 pm IST
Published Date: November 28, 2021 7:35 pm IST

नई दिल्ली। देश की महिलाएं आज भी अपने ऊपर होने वाले अत्याचार को सहने की आदी हो चुकी हैं। देश की बड़ी संख्या में महिलाएं घरेलू हिंसा या पतियों के अत्याचार को नियति मानते हुए इसे सहज ढंग से लेने लगी हैं। एक सर्वे (NFHS Survey) में आए नतीजे चौकाने वाले हैं। कई राज्यों की 30 से लेकर 80 प्रतिशत महिलाएं पतियों या ससुराल वाले लोगों द्वारा किए जा रहे अत्याचार व उत्पीड़न को गलत नहीं मानती। इन्होंने पति की पिटाई को जायज माना है।

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नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) के हाल के सर्वे के अनुसार तीन राज्यों तेलंगाना में 84 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 84 प्रतिशत और कर्नाटक में 77 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने माना कि पति के हाथों पत्नी की पिटाई एक सामान्य बात है। वह इसे सही ठहराती हैं। जबकि मणिपुर में 66 फीसदी, केरल में 52 फीसदी, जम्मू-कश्मीर में 49 फीसदी, महाराष्ट्र में 44 फीसदी और पश्चिम बंगाल में 42 फीसदी महिलाओं ने पति से पिटाई को सही माना है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार सर्वे में शामिल 18 में से 14 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की 30 फीसदी से अधिक महिलाएं पुरुषों के हाथों महिलाओं की पिटाई को कुछ परिस्थितियों में गलत नहीं मानती हैं।

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नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में महिलाओं से कुछ सवाल पूछे गए थे। इनके जवाब के बाद रिपोर्ट तैयार किया गया। सर्वे में सवाल पूछे गए कि क्या आपके विचार से पति के द्वारा पत्नी की पिटाई जायज है? 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 30 फीसदी से अधिक महिलाओं ने जवाब ‘हां’ में दिया।

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सर्वे ने उन संभावित परिस्थितियों को सामने रखा जिनमें एक पति अपनी पत्नी की पिटाई करता है: यदि उसे उसके विश्वासघाती होने का संदेह है; अगर वह ससुराल वालों का अनादर करती है; अगर वह पति से बहस करती है; अगर वह यौन संबंध बनाने से इनकार करती है; अगर वह उसे बताए बिना बाहर जाती है; अगर वह घर या बच्चों की उपेक्षा करती है; अगर वह अच्छा खाना नहीं पकाती है। सबसे अधिक महिलाओं ने घर या बच्चों की उपेक्षा और ससुराल वालों के अनादर की वजह से पिटाई को सामान्य बताया।

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18 राज्यों में से 13 राज्य हिमाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, गुजरात, नागालैंड, गोवा, बिहार, कर्नाटक, असम, महाराष्ट्र, तेलंगाना, और पश्चिम बंगाल की महिलाओं ने ‘ससुराल वालों के अनादर’ पर पिटाई को जायज बताया। सबसे कम हिमाचल प्रदेश की 14.8 फीसदी महिलाओं ने पति के हाथों पत्नी की पिटाई को जायज बताया। वहीं, कर्नाटक की 81.9 फीसदी महिलाओं ने इसे सही बताया।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com