एनजीटी ने गाजीपुर में बूचड़खाने के पर्यावरण नियमों के उल्लंघन पर समिति बनायी और उससे रिपोर्ट मांगी

एनजीटी ने गाजीपुर में बूचड़खाने के पर्यावरण नियमों के उल्लंघन पर समिति बनायी और उससे रिपोर्ट मांगी

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  • Publish Date - September 1, 2021 / 04:07 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:47 PM IST

नयी दिल्ली, एक सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने यहां गाजीपुर में बूचड़खाने के संचालन में पर्यावरण नियमों के उल्लंघनों के विरूद्ध दायर की गयी याचिका पर बुधवार को एक समिति गठित की और उसे इस संबध में अपनी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने केंद्रीय प्रदूषण निंयत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), डीपीसीसी, ईडीएमसी के अधिकारियों, क्षेत्राधिकार जिलाधिकारी तथा विशेष पुलिस आयुक्त (पूर्व) की स्वतंत्र समिति बनायी।

अधिकरण ने कहा कि सीपीसीबी और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) समन्वय एवं अनुपालन के लिए नोडल एजेंसियां होंगी। अधिकरण ने कहा कि समिति 15 दिन के भीतर बैठक कर सकती है, उस स्थान का दौरा कर सकती है और संबंधित पक्षों से संवाद कर सकती है।

एनजीटी ने कहा कि समिति अन्य कार्यवाही ऑनलाइन कर सकती है तथा, सामने आये तथ्यों के आधार पर सांविधिक अधिकारी उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए जरूरी कदम उठाने के लिए स्वतंत्र होंगे । अधिकरण ने समिति को ईमेल के माध्यम से तीनमहीने के अंदर रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है।

अधिकरण गाजियाबाद के निवासी शैलेष सिंह की अर्जी पर सुनवाई कर रही है जिन्होंने यहां गाजीपुर में बूचड़खाने फ्रीगोरिफिको अलाना प्राइवेट लिमिटेड के संचालन में पर्यावरण नियमों के उल्लंघन के विरूद्ध आवेदन दिया है। आवेदक के अनुसार बूचड़खाना लीज समझौते की अवधि बीत जाने के बाद भी चल रहा है तथा खून, चर्बी आदि भूजल नाले में बहाया जा रहा है।

भाषा

राजकुमार अनूप

अनूप