क्लैट-पीजी के अंकों के आधार पर वकीलों की भर्ती करने पर फिर से विचार करेगा एनएचएआई
क्लैट-पीजी के अंकों के आधार पर वकीलों की भर्ती करने पर फिर से विचार करेगा एनएचएआई
नयी दिल्ली, आठ सितंबर (भाषा) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह कानूनी सलाहकारों की भर्ती के लिए सामान्य विधि प्रवेश परीक्षा (क्लैट)-स्नातकोत्तर के अंकों को आधार बनाने के अपने फैसले पर दोबारा विचार कर सकता है।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ को एनएचएआई ने यह भी बताया कि आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 10 सितंबर से बढ़ाकर 25 सितंबर कर दी गई है।
ये दलीलें एनएचएआई की उस अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका में दी गईं, जिसमें कानूनी सलाहकारों की भर्ती के लिए क्लैट-स्नातकोत्तर के अंकों को आधार बनाया गया था।
एनएचएआई के वकील की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को तय की।
अधिवक्ता शानू बघेल की ओर से दायर याचिका के अनुसार, क्लैट-पीजी-2022 में किसी उम्मीदवार के अंकों को सरकारी नौकरी के लिए आधार नहीं बनाया जा सकता है, क्योंकि यह परीक्षा केवल एलएलबी डिग्री धारक उम्मीदवारों की मेधा का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित की जाती है, ताकि वे विधि स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त कर सकें।
याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि 11 अगस्त की अधिसूचना के तहत चयन का उद्देश्य विधि स्नातकोत्तर की डिग्री लेना नहीं था, बल्कि कानूनी पेशेवर के रूप में सेवाएं प्रदान करना था।
भाषा रवि कांत रवि कांत सुरेश
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