भारत से 2025 में प्रत्येक 10 में से नौ अंतरराष्ट्रीय यात्रा ‘मिलेनियल्स’ और ‘जेन जेड’ की : रिपोर्ट

भारत से 2025 में प्रत्येक 10 में से नौ अंतरराष्ट्रीय यात्रा 'मिलेनियल्स' और 'जेन जेड' की : रिपोर्ट

भारत से 2025 में प्रत्येक 10 में से नौ अंतरराष्ट्रीय यात्रा ‘मिलेनियल्स’ और ‘जेन जेड’ की : रिपोर्ट
Modified Date: December 19, 2025 / 04:32 pm IST
Published Date: December 19, 2025 4:32 pm IST

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) भारत के विदेश यात्रा परिदृश्य में वर्ष 2025 में एक निर्णायक बदलाव देखने को मिला, जिसके तहत देश से 10 में से नौ अंतरराष्ट्रीय यात्राएं ‘मिलेनियल्स’ और ‘जेन जेड’ ने की। एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आयी है।

वर्ष 1981–1996 के बीच जन्मी पीढ़ी को मिलेनियल्स जबकि वर्ष 1997–2012 के बीच जन्मे लोगों को ‘जेन जेड’ कहा जाता है।

यात्रा एवं वित्तीय प्रोद्यौगिकी मंच ‘नियो’ द्वारा जारी वार्षिक यात्रा रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे युवा, डिजिटल-फर्स्ट और अनुभव-केंद्रित भारतीय कैसे बेहतर योजना, अकेले यात्रा और लागत-सचेत निर्णय के माध्यम से वैश्विक यात्रा प्रवृत्तियों को नया रूप दे रहे हैं।

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रिपोर्ट के निष्कर्षों में कहा गया है, ‘जेन जेड और मिलेनियल्स ने 10 में से 9 अंतरराष्ट्रीय यात्राएं कीं। इनमें से दो-तिहाई यात्राएं दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई से शुरू हुईं, जो भारत के प्रमुख महानगरों के विदेश यात्रा पर मजबूत प्रभाव को दर्शाती हैं।’

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय यात्रियों में सबसे अधिक पसंदीदा एकल यात्रा रही, जो एक विकल्प के तौर पर उभरी हैं। इस साल 63.8 प्रतिशत लोगों ने एकल यात्रायें की। युगल यात्रा का प्रतिशत 19.93 रहा।

इसमें कहा गया है कि इसके बाद परिवारों की यात्रा का प्रतिशत 12.26 एवं समूहों का प्रतिशत 4.01 रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये आंकड़े स्वतंत्र यात्रा अथवा एकल यात्रा की ओर बढ़ते रुझान को दर्शाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कम दूरी की एशियाई यात्रा वाले गंतव्य और उभरते मध्य एशियाई देश भारतीय यात्रियों के लिए शीर्ष विकल्प बने रहे।

इसमें कहा गया है कि इस सूची में शीर्ष पर थाईलैंड रहा, जहां 23.08 प्रतिशत यात्राएं की गईं, इसके बाद 21.57 प्रतिशत यात्राओं के साथ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का नंबर रहा।

इसके अनुसार इसके बाद जॉर्जिया(9.65 प्रतिशत), मलेशिया( 8.89 प्रतिशत), फिलीपींस(8.8 प्रतिशत), कजाकिस्तान(7.38 प्रतिशत), वियतनाम( 5.87 प्रतिशत), उज्बेकिस्तान( 5.6 प्रतिशत), ब्रिटेन( 5.38 प्रतिशत) और सिंगापुर (3.78 प्रतिशत) की यात्राएं की गईं।

इसमें आगे कहा गया है, ‘‘यात्रा वृद्धि के मामले में उभरते देश थाईलैंड, यूएई, मलेशिया, उज्बेकिस्तान और कजाकिस्तान थे, जबकि दुबई, वियतनाम, सिंगापुर, हांगकांग और इंडोनेशिया के लिए वीजा बुकिंग में भी मजबूत वृद्धि हुई।’’

रिपोर्ट में विदेश यात्रा करने वाले यात्रियों के खर्च करने के बदलते व्यवहार पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसमें दिखाया गया है कि कुल खर्च का लगभग आधा हिस्सा खरीदारी पर (कार्ड के उपयोग का 47.28 प्रतिशत) खर्च हुआ, इसके बाद भोजन पर 20.69 प्रतिशत, परिवहन पर 19.93 प्रतिशत, आवास पर 9.09 प्रतिशत और अनुभवों पर 3.01 प्रतिशत खर्च हुआ।

रिपोर्ट के निष्कर्ष दस लाख से अधिक विदेश यात्रा करने वाले भारतीय यात्रियों के यात्रा आंकड़ों पर आधारित हैं।

भाषा रंजन पवनेश

पवनेश


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