नीति आयोग की चेतावनी- 2030 में भूजल स्तर होगा सबसे बड़ा संकट, कहा- सरकार गंभीर नहीं

नीति आयोग की चेतावनी- 2030 में भूजल स्तर होगा सबसे बड़ा संकट, कहा- सरकार गंभीर नहीं

नीति आयोग की चेतावनी- 2030 में भूजल स्तर होगा सबसे बड़ा संकट, कहा- सरकार गंभीर नहीं
Modified Date: November 29, 2022 / 08:00 pm IST
Published Date: September 3, 2018 12:04 pm IST

नई दिल्ली। नीति आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि लगातार घट रहा भूजल स्तर वर्ष 2030 तक देश में सबसे बड़े संकट के रूप में सामने आएगा। घटते भूजल स्तर को लेकर भूवैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों की चिंता पर एनजीटी ने कड़े दिशा-निर्देश बनाने के लिए अल्टीमेटम दिया है। वर्ष 1996 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से भूजल स्तर का संकट लगातार गहराता जा रहा है।

पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड़ की याचिका पर फैसला सुनाते हुए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने कहा कि भूजल स्तर लगातार घट रहा है। सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 1996 के आदेश के बावजूद केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) आज तक कोई योजना नहीं बना पाया। इसलिए अब इस मामले को केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव देखेंगे और चार सप्ताह में अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंपेंगे।

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तोंगड़ ने बताया, ‘एनजीटी कह रहा है कि भूजल के घटते स्तर को थामने के लिए उचित मापदंड अपनाए जाने की जरूरत है। हालात ऐसे हैं कि संवेदनशील क्षेत्रों में भी भूजल स्तर तेजी से घटा है। बता दें कि नीति आयोग की रिपोर्ट में भूजल के घटते स्तर को सबसे बड़ा संकट बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2030 तक यह सबसे बड़े संकट के तौर पर उभरेगा और सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है।

इस रिपोर्ट पर पर्यावरणविद् तोंगड़ कहते हैं, ‘इसमें प्रशासन की कमी है। कहीं कोई नियम-कायदा नहीं है. बोतलबंद पानी की कंपनियां अंधाधुंध पानी का दोहन कर रही हैं और इसके एवज में किसी तरह का भुगतान नहीं कर रही हैं। एक मापदंड तो तय करना होगा कि कंपनियां भूजल का दोहन कायदे से करें। इसकी निगरानी जरूरी है और इसके लिए भूजल के दिशा-निर्देशों को दुरुस्त करना पड़ेगा’।

 

वेब डेस्क, IBC24


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