Bihar CM Oath Ceremony: आज से नीतीश का 10वां कार्यकाल शुरू.. जानें उन मुख्यमंत्रियों के बारें में, जो दशकों तक सत्ता पर रहे काबिज
बिहार की राजनीति आज एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने जा रही है, जब नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। गाँधी मैदान में होने वाला यह शपथ समारोह राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई केंद्रीय नेता उपस्थित रहेंगे।
Bihar CM Oath Ceremony / Image Source: IBC24
- नीतीश कुमार आज दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
- नई सरकार में पुराने और अनुभवी चेहरों की वापसी की संभावना।
- शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे।
Bihar CM Oath Ceremony: बिहार की राजनीति में आज का दिन बेहद ख़ास साबित होने वाला है। नीतीश कुमार एक बार फिर इतिहास रचते हुए दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। राज्य की सत्ता की बागडोर, पहले की तरह, एक बार फिर उनके ही अनुभवी और भरोसेमंद नेतृत्व को सौंप दी जाएगी। गाँधी मैदान में आयोजित होने वाले इस भव्य शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कई अन्य वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे। नई सरकार में भी ज्यादातर पुराने और अनुभवी चेहरे ही दिखने की संभावना है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनने वाली इस गठबंधन सरकार में भाजपा की ओर से सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और विजय कुमार सिन्हा को उपनेता चुना गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों नेता उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। वहीं मंत्रिमंडल में भाजपा किसी बड़े फेरबदल के मूड में नहीं दिख रही, इसलिए ज़्यादातर पुराने मंत्रियों की ही वापसी संभावित है।
वहीं भारत के कई अन्य राज्यों में भी ऐसे दिग्गज नेता रहे हैं जिन्होंने कई वर्षों तक मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अपनी मजबूत राजनीतिक पकड़ बनाए रखी।
भारत के दस सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नेता
1) पवन कुमार चामलिंग, सिक्किम – 24 साल
पवन कुमार चामलिंग लगभग 25 सालों तक लगातार सत्ता संभालकर भारत के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता बने। उनके नेतृत्व में पार्टी ने लगातार पांच बार चुनाव जीते, जो उन्हें एक अद्वितीय स्थान देता है।
2) नवीन पटनायक, ओडिशा – 24 वर्ष ओडिशा की सत्ता पर दो दशकों से अधिक समय तक कब्ज़ा कर रखने वाले नवीन पटनायक का कार्यकाल 2024 के चुनावों के बाद समाप्त हुआ, जब भाजपा ने 147 में से 78 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया। वो चामलिंग के रिकॉर्ड को तोड़ने के बेहद करीब थे।
3) ज्योति बसु, पश्चिम बंगाल – 23 वर्ष
भारत की राजनीति के सबसे सम्मानित नेताओं में गिने जाने वाले ज्योति बसु ने पश्चिम बंगाल में 23 वर्षों तक शासन किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिलने के बावजूद उन्होंने ये पद स्वीकार नहीं किया था।
4) गोगोंग आपांग, अरुणाचल प्रदेश – 22 वर्ष
लगभग 23 वर्षों तक अरुणाचल प्रदेश की राजनीति में उनका दबदबा रहा। वे दो अलग-अलग कार्यकालों में मुख्यमंत्री रहे और उनके प्रथम कार्यकाल ने राज्य की राजनीति में मजबूत पकड़ बनाई।
5) लालथनहला, मिजोरम – 22 वर्ष
मिजोरम के वरिष्ठ नेता लालथनहला तीन अलग-अलग कार्यकालों में लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे थे। उनके कार्यकाल के दौरान राज्य में सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा के ढांचे को मजबूत करने पर खास ध्यान दिया गया।
6) वीरभद्र सिंह, हिमाचल प्रदेश – 21 वर्ष
रभद्र सिंह एक लंबे समय तक सेवा देने वाले भारतीय राजनेता थे, जिन्हें विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश में एक “दीर्घकालीन नेता” के रूप में पहचाना जाता था। वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के वरिष्ठ नेता थे और अपने विस्तृत राजनीतिक करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे।
7) माणिक सरकार, त्रिपुरा – 19 वर्ष
सादगी और ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध माणिक सरकार ने लगातार चार कार्यकाल पूरे किए, जो उन्हें पूर्वोत्तर के सबसे लोकप्रिय नेताओं में शामिल करता है।
8) नीतीश कुमार, बिहार – 19 वर्ष
बिहार की राजनीति के सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक, नीतीश कुमार ने लगभग 20 वर्षों से अधिक समय तक राज्य का नेतृत्व किया है। वो बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता हैं।
9) एम. करुणानिधि, तमिलनाडु
करुणानिधि ने तमिलनाडु की राजनीती में अपनी गहरी चाप छोड़ी। कई कार्यकालों में उन्होंने राज्य को मजबूत राजनीतिक दिशा दी और द्रविड़ राजनीति का प्रमुख चेहरा बने रहे। (उनका कार्यकाल 19 वर्षों से थोड़ा कम रहा)
10) प्रकाश सिंह बादल, पंजाब – 18 वर्ष
प्रकाश सिंह बादल कई बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे और देश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बनने का भी रिकॉर्ड उनके नाम रहा।
ऐसे सभी नेताओं की राजनितिक यात्रा इस बात का प्रमाण है कि लंबे समय का शासन सिर्फ एक पद पर ठीके रहना नहीं बल्कि जनता के विश्वास और नेतृत्व क्षमता का परिणाम होता है।
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