भीमा कोरेगांव मामले से कोई संबंध नहीं, एनआईए परेशान करने की कोशिश कर रही हैः आईआईएसईआर प्रोफेसर

भीमा कोरेगांव मामले से कोई संबंध नहीं, एनआईए परेशान करने की कोशिश कर रही हैः आईआईएसईआर प्रोफेसर

  •  
  • Publish Date - September 6, 2020 / 09:49 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:58 PM IST

कोलकाता, छह सितंबर (भाषा) आईआईएसईआर-कोलकाता के प्रोफेसर पार्थसारथी रे ने रविवार को कहा कि उनका 2018 में भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है और जांच एजेंसी ‘उनको परेशान करने की कोशिश कर रही है, जैसा अन्य बुद्धजीवियों के साथ किया गया है।’

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में एनआईए ने वैज्ञानिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता रे को समन जारी कर पेश होने के लिए कहा है।

रे ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है, न ही वह कभी महाराष्ट्र के पुणे स्थित भीमा कोरेगांव स्मारक गए हैं।

पढ़ें- सुशांत केस में एनसीबी ने दीपेश सावंत को गिरफ्तार किया

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘ एजेंसी (एनआईए) ने सीआरपीसी की धारा 160 के तहत मामले में एक गवाह के तौर पर समन किया है। इस मामले से मेरा कोई ताल्लुक नहीं है, क्योंकि मैं कभी भीमा कोरेगांव नहीं गया हूं। मुझे तो मामले की जानकारी भी अखबार में खबर पढ़ने से मिली है। ‘

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रे को नोटिस जारी कर भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में 10 सितंबर को उसके मुंबई के दफ्तर में पेश होने को कहा है। रे ‘परसीक्यूटिड प्रिज़नर्स सॉलिडेरिटी कमेटी’ (पीपीएससी) की पश्चिम बंगाल इकाई के संयोजक भी हैं।

पढ़ें- रिया चक्रवर्ती NCB दफ्तर रवाना, पूछताछ के लिए जारी किया गया था नोटिस

यह मामला भीमा कोरेगांव युद्ध स्मारक के पास एक जनवरी 2018 को जातीय हिंसा से संबंधित है।

रे ने कहा, ‘यह मुझे तंग करने और धमकाने के हथकंडे के सिवा कुछ नहीं है, जैसा पूरे भारत के अन्य शिक्षाविदों एवं बुद्धजीवियों के साथ किया जा रहा है। मैं जैव चिकित्सा वैज्ञानिक हूं और कोविड-19 से निपटने की लड़ाई में शामिल हूं।

उन्होंने कहा, ‘ मैं भी सताए गए और वंचितों के साथ लगातार खड़ा रहा हूं। यह बहुत दुर्भाग्य है कि मुझे इस अहम समय में इस तरह से परेशान किया जा रहा है।’

पढ़ें- सुशांत मामले ने हमें बॉलीवुड में मादक पदार्थों की पैठ होने के संकेत…