नयी दिल्ली, 14 फरवरी (भाषा) संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि उसे यहां की अदालतों में अभियोजकों के पदों को भरने के लिए दिल्ली सरकार से कोई नया प्रस्ताव नहीं मिला है और इस बारे में राज्य द्वारा दिया गया बयान ‘‘गलत’’ एवं ‘अनुचित’ है।
यूपीएससी ने यह बयान अदालत के समक्ष दिल्ली सरकार के 17 जनवरी के उस अभिवेदन के जवाब में एक हलफनामे में दिया कि लोक अभियोजकों के 108 रिक्त पदों को भरने के लिए संघ लोक सेवा आयोग को एक नया अनुरोध भेजा गया है।
उच्च न्यायालय शहर में लोक अभियोजकों की भर्ती, नियुक्ति और कामकाज से जुड़े मुद्दों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें स्वत: संज्ञान मामला भी शामिल है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों से अभियोजकों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा और मामले को 15 मार्च को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
पीठ ने दिल्ली सरकार से सुनवाई की अगली तारीख से पहले नयी स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा।
पिछले साल जुलाई में, अदालत ने दिल्ली सरकार से रिक्तियों और उन्हें भरने के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।
भाषा नेत्रपाल पवनेश
पवनेश
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