Petrol and Diesel Ban : एक जुलाई से पुरानी गाड़ियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, CAQM ने जारी किए निर्देश

Old vehicles will not get petrol and diesel from July 1: सीएक्यूएम ने कहा कि देश के किसी भी राज्य में पंजीकृत 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल चालित वाहन इस फैसले के दायरे में आएंगे।

Petrol and Diesel Ban : एक जुलाई से पुरानी गाड़ियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, CAQM ने जारी किए निर्देश
Modified Date: June 20, 2025 / 11:30 pm IST
Published Date: June 20, 2025 11:13 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 10 वर्ष (डीजल) या 15 वर्ष (पेट्रोल) से अधिक पुराने वाहनों पर रोक
  • दिल्ली-एनसीआर में उनकी आवाजाही पर अंकुश
  • एनसीआर जिलों को कैमरे लगाने के लिए 31 मार्च, 2026 तक का समय

नयी दिल्ली:  Old vehicles will not get petrol and diesel from July 1, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि परिचालन की तय अवधि पार कर चुके किसी भी वाहन को एक जुलाई से दिल्ली में ईंधन नहीं मिलेगा। सीएक्यूएम ने कहा कि देश के किसी भी राज्य में पंजीकृत 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल चालित वाहन इस फैसले के दायरे में आएंगे।

सीएक्यूएम ने अप्रैल में पेट्रोल पंप को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि एक जुलाई से मियाद पूरा कर चुके किसी भी वाहन को ईंधन नहीं दिया जाना चाहिए। दिल्ली के 520 ईंधन आपूर्ति केंद्रों में से 500 ने स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे लगा दिए हैं और शेष को 30 जून तक लगाना होगा।

10 वर्ष (डीजल) या 15 वर्ष (पेट्रोल) से अधिक पुराने वाहनों पर रोक

सीएक्यूएम के मुताबिक, ये कैमरे 10 वर्ष (डीजल) या 15 वर्ष (पेट्रोल) से अधिक पुराने वाहनों का पता लगाएंगे और कमान केंद्र तथा यातायात एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों से युक्त प्रवर्तन टीम को अलर्ट भेज दिया जाएगा, जो वाहनों को जब्त कर लेंगी।

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यह प्रणाली इस वर्ष एक नवंबर से दिल्ली से सटे पांच उच्च वाहन घनत्व वाले जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत में लागू की जाएगी तथा एएनपीआर कैमरे लगाने का कार्य 31 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। शेष एनसीआर जिलों को कैमरे लगाने के लिए 31 मार्च, 2026 तक का समय दिया गया है तथा मियाद पूरी कर चुके वाहनों को ईंधन देने से मनाही एक अप्रैल, 2026 से शुरू होगी।

सीएक्यूएम के सदस्य (तकनीकी) वीरेंद्र शर्मा ने कहा, ‘‘हमारे निर्देशों में यह नहीं कहा गया है कि केवल दिल्ली में पंजीकृत मियाद पूरी कर चुके वाहनों का ही पता लगाया जाएगा और उन्हें ईंधन देने से मना किया जाएगा। दिल्ली-एनसीआर के बाहर पंजीकृत वाहन भी दिल्ली की सड़कों पर चलते हैं और प्रदूषण में योगदान करते हैं। अगर (दिल्ली के) लोग अपने वाहनों को बाहर पंजीकृत कराते हैं… तो उन्हें रोकना होगा। हम जानते हैं कि ऐसा हो रहा है।’’

दिल्ली-एनसीआर में उनकी आवाजाही पर अंकुश

अधिकारी ने बताया कि इस प्रणाली के माध्यम से भारत में कहीं भी पंजीकृत मियाद पूरी कर चुके बसों का पता लगाया जाएगा। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में उनकी आवाजाही पर अंकुश लगाने के लिए अलग से निर्देश जारी किए जाएंगे। शर्मा ने कहा कि यातायात और परिवहन विभागों के अधिकारियों को शामिल करते हुए 100 प्रवर्तन दल गठित किए गए हैं।

सीएक्यूएम के मुताबिक, दिल्ली में 62 लाख वाहन ऐसे हैं जो परिचालन की अपनी मियाद पूरी कर चुके हैं जिनमें से 41 लाख दोपहिया वाहन हैं। पूरे एनसीआर में ऐसे वाहनों की संख्या करीब 44 लाख है और ये ज्यादातर पांच उच्च घनत्व वाले शहरों में केंद्रित हैं।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com