Odisha Train Tragedy: फर्जीवाड़े की बाढ़, अब लाशों को सौंपने से पहले लिया जा रहा DNA सैम्पल

Odisha Train Tragedy: फर्जीवाड़े की बाढ़, अब लाशों को सौंपने से पहले लिया जा रहा DNA सैम्पल

Odisha Train Accident DNA Test

Modified Date: June 11, 2023 / 10:58 am IST
Published Date: June 11, 2023 10:58 am IST

बालासोर: ओडिशा ट्रेन हादसे के बाद अब रेलवे और राज्य सरकार के सामने फर्जी दावेदारों से निबटने की दोहरी चुनौती आ खड़ी हुई हैं। क्षत-विक्षत शवों के कई दावेदार सामने आ रहे है। (Odisha Train Accident DNA Test) भागलपुर के एक शव पर दो परिवारों ने दावा कर दिया था जिसके बाद अब रेलवे ने बड़ा फैसला लिया हैं। विभाग अब शव पर दावा जताने और उन्हें सौंपने से पहले रिश्तेदारों का डीएनए सैम्पल ले रही हैं। विभाग का प्रयास हैं की अब प्रमाणित तौर पर ही शवों को उनके असली वारिसों को सौंपा जाएँ।

छत्तीसगढ़ में आय और जाति प्रमाण पत्र बनवाने की गई वैकल्पिक व्यवस्था, पटवारियों से मिलने वाले दस्तावेजों की अनिवार्यता खत्म

एक अधिकारी ने बताया, “डीएनए का मिलान होने पर ही हम शव सौंपेंगे। हमें संदेह है कि रेलवे और संबंधित राज्य सरकारों से मिलने वाले मुआवजे के कारण कुछ लोग शवों पर झूठे दावे कर सकते हैं।”

 ⁠

278 की हुई थी मौत

बता दें की पिछले हफ्ते शुक्रवार को ओडिशा के बालासोर जिले में दशक का सबसे बड़ा रेल हादसा सामने आया था। सिग्नल और इंटलॉकिंग में गड़बड़ी के चलते कोरोमण्डल एक्प्रेस की टक्कर लूप लाइन पर खड़े एक मालगाड़ी से हो गई थी। इस टक्कर के बाद विपरीत दिशा से आ रही हैं यशवंतपुर एक्सप्रेस की टक्कर कोरोमण्डल एक्सप्रेस के बोगियों से हो गई थी। इस हादसे में आधिकारिक रूप से करीब 278 सवारियों की मौत हो गई थी जबकि एक हजार से अधिक जख्मी हुए थे। (Odisha Train Accident DNA Test) इस हादसे के बाद मुआवजा और बेजा फायदा लेने के लिए अब फर्जी दावेदारों की बाढ़ सी आ गई हैं। हादसे में हताहत हुए ज्यादातर लोगों के शव पूरी तरह से क्षत-विक्षत हो चुके है लिहाजा राज्य सरकार भी उनकी पहचान नहीं सुनिश्चित कर पा रही हैं। इससे निबटने अब डीएनए जाँच का सहारा लिया जा रहा हैं।

तीसरा बच्चा पैदा हुआ तो प्रशासन ने मैडम को किया बर्खास्त, रहमत बानो बोलीं- नियम जानते थे लेकिन…

क्या होता हैं DNA परीक्षण?

DNA परीक्षण से यह पता लगाया जा सकता है बच्चा अपने माता-पिता की किसी जेनेटिक बीमारी से प्रभावित हो सकता है या नहीं। लेकिन रेल हादसे में इस टेस्ट के द्वारा शवों के बायोलॉजिकल फैमिली और ब्लड रिलेशंस का पता लगाया जा रहा है। DNA एक ऐसा परीक्षण है जिसमें सच झूठ जैसा कुछ नही होता , इस टेस्ट में बिल्कुल सटीक जानकारी प्राप्त होती है। DNA टेस्ट में ज्यादातर खून सैंपल लिए जाते हैं, कारण से अगर खून का सैंपल नहीं लिया जा सकता है तब मुख के झाग का इस्तेमाल किया जाता है., इसके अलावा बाल और नाखून से DNA test को परफॉर्म किया जा सकता हैं। लैब टेस्टिंग में जैव, क्रोमोसोम्स और प्रोटीन का मिलान किया जाता हैं।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें


लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown