(फाइल फोटो के साथ)
रामबन (जम्मू-कश्मीर), 26 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की किसी भी ‘तटस्थ और पारदर्शी’ जांच में शामिल होने की पाकिस्तान की पेशकश पर शनिवार को सवाल उठाया।
पहलगाम में 22 अप्रैल को इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार को कहा, ‘‘पहलगाम की हालिया त्रासदी आरोप-प्रत्यारोप के इस निरंतर खेल का एक और उदाहरण है, जिसे पूरी तरह से बंद किया जाना चाहिए। एक जिम्मेदार देश के रूप में अपनी भूमिका जारी रखते हुए, पाकिस्तान किसी भी तटस्थ, पारदर्शी और विश्वसनीय जांच में भाग लेने के लिए तैयार है।’’
अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहले तो उन्होंने (पाकिस्तान ने) यह स्वीकार नहीं किया कि पहलगाम में कुछ हुआ है। फिर उन्होंने यहां तक कह दिया कि यह भारत ने किया है। उन्होंने ही सबसे पहले हम पर आरोप लगाया था, इसलिए उनके बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है।’’
शरीफ की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मैं उनके (पाकिस्तानी नेताओं के) बयानों पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहता। मुझे इस घटना पर अफसोस है, जो नहीं होनी चाहिए थी।’’
पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि और चिनाब नदी पर बांधों के निर्माण बारे में पूछे जाने अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘आप दोनों को क्यों जोड़ रहे हैं? जल संधि का इन चीजों से क्या लेना-देना है? सिंधु जल संधि निलंबित हो या न हो, इसका इन परियोजनाओं से क्या लेना-देना है?’’
पहलगाम हमले का सीमापार से संबंध होने को लेकर सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री रामबन में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद आवश्यक सेवाओं की बहाली की समीक्षा करने के लिए यहां आये थे।
अपनी यात्रा के दौरान अब्दुल्ला बाढ़ प्रभावित धरम कुंड गांव गए, जहां 20 अप्रैल को तीन लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों घर क्षतिग्रस्त हो गए थे।
भाषा
राजकुमार माधव
माधव
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)